scriptश्रमिकों ने जड़ा पंचायत पर ताला, सचिव को सुनाई खरी-खोटी | Workers locked the Jada Panchayat, the secretary told the truth | Patrika News

श्रमिकों ने जड़ा पंचायत पर ताला, सचिव को सुनाई खरी-खोटी

locationदौसाPublished: Mar 17, 2018 08:45:56 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

बैंक खाते में कम मजदूरी आने का मामला

lawan news
लवाण. लवाण पंचरयत समिति की ग्राम पंचायत शेरसिंह रजवास मनरेगा कार्य की मजदूरी कम आने पर मनरेगा श्रमिकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने ग्राम पंचायत पर ताला लगाकर प्रदर्शन करके सचिव को कम मजदूरी आने को लेकर खरी-खोटी भी सुनाई। इस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत पर जमकर हंगामा किया। सचिव द्वारा मनरेगा श्रमिकों को जेल में बंद कराने की धमकी देने पर महिलाओं ने मुख्य द्वार को बंद करके सचिव को अन्दर बंद कर दिया और नारे लगाने लगी। श्रमिकों ने बताया कि बन्दावाली ढाणी में मनरेगा के तहत खुदाई कार्य किया था। उस समय ग्राम सचिव ने मनरेगा की 192 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी बताई थी। काम बन्द होने व दूसरी मस्टररोल में काम करने पर मात्र खाते में मजदूरी के 80 रुपए ही आए।
इस बात को लेकर महिलाओं ने पहले सचिव से बात की तो उन्होंने कहा कि काम करो या मत करो, यही मजदूरी आएगी। जबकि 6 मार्च को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मनेरगा काम का निरीक्षण किया था और कहा था कि मिट्टी कठोर है व पाळ की चढ़ाई को देखते हुए 192 रुपए ही मिलेंगे, लेकिन सचिव की मनमर्जी के चलते राशि में कटौती कर श्रमिकों के खाते में डलवा दिया। सुनीता देवी,पांची देवी,सन्ती देवी, ममता,मनभर, गुलाब और प्रेम ने यह भी आरोप लगाया कि बन्दावाली ढाणी में मनरेगा कार्य करने के बावजूद सचिव ने अपनी मर्जी से गैर हाजिरी लगा दी। इधर, सचिव श्रीचंद बैरवा ने बताया कि मनरेगा श्रमिकों ने मिट्टी पूरी नहीं निकाली। इस कारण मजदूरी में कटौती हुई है। सरपंच बसबाई मीणा ने बताया कि मनरेगा श्रमिको की मजदूरी कम आई है। मामले की जांच कराई जाएगी।
बीडीओ के आदेश की नहीं हुई पालना


लालसोट. ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सहायकों को कार्यमुक्त कर विद्यालयों में नहीं भेजा गया।वहीं पंचायतों द्वारा दो माह का वेतन भी नहीं दिया गया। विकास अधिकारी प्रियंका मीना ने 6 मार्च को सभी ग्राम सचिवों को निर्देश जारी किए थे कि समस्त कार्यरत पंचायत सहायकों को कार्यमुक्त कर विद्यालयों में भेजा जाए तथा मानदेय का भुगतान भी किया जाए। इसकी तीन दिवस में पालना रिपोर्ट मांगी थी। इसके बावजूद सचिवों ने आदेशों की पालना नहीं की है।
पंचायत सहायकों ने बताया कि जनवरी व फरवरी का मानदेय भी नहीं मिल पाया है। इससे परिवार के लालन-पालन का आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वहीं विद्यालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है। राज्य वित्त आयोग मद के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को 6 हजार मानदेय भुगतान राशि का प्रावधान है। (नि.सं.)
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