इस बात को लेकर महिलाओं ने पहले सचिव से बात की तो उन्होंने कहा कि काम करो या मत करो, यही मजदूरी आएगी। जबकि 6 मार्च को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मनेरगा काम का निरीक्षण किया था और कहा था कि मिट्टी कठोर है व पाळ की चढ़ाई को देखते हुए 192 रुपए ही मिलेंगे, लेकिन सचिव की मनमर्जी के चलते राशि में कटौती कर श्रमिकों के खाते में डलवा दिया। सुनीता देवी,पांची देवी,सन्ती देवी, ममता,मनभर, गुलाब और प्रेम ने यह भी आरोप लगाया कि बन्दावाली ढाणी में मनरेगा कार्य करने के बावजूद सचिव ने अपनी मर्जी से गैर हाजिरी लगा दी। इधर, सचिव श्रीचंद बैरवा ने बताया कि मनरेगा श्रमिकों ने मिट्टी पूरी नहीं निकाली। इस कारण मजदूरी में कटौती हुई है। सरपंच बसबाई मीणा ने बताया कि मनरेगा श्रमिको की मजदूरी कम आई है। मामले की जांच कराई जाएगी।
बीडीओ के आदेश की नहीं हुई पालना
लालसोट. ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सहायकों को कार्यमुक्त कर विद्यालयों में नहीं भेजा गया।वहीं पंचायतों द्वारा दो माह का वेतन भी नहीं दिया गया। विकास अधिकारी प्रियंका मीना ने 6 मार्च को सभी ग्राम सचिवों को निर्देश जारी किए थे कि समस्त कार्यरत पंचायत सहायकों को कार्यमुक्त कर विद्यालयों में भेजा जाए तथा मानदेय का भुगतान भी किया जाए। इसकी तीन दिवस में पालना रिपोर्ट मांगी थी। इसके बावजूद सचिवों ने आदेशों की पालना नहीं की है।
पंचायत सहायकों ने बताया कि जनवरी व फरवरी का मानदेय भी नहीं मिल पाया है। इससे परिवार के लालन-पालन का आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वहीं विद्यालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है। राज्य वित्त आयोग मद के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को 6 हजार मानदेय भुगतान राशि का प्रावधान है। (नि.सं.)
लालसोट. ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सहायकों को कार्यमुक्त कर विद्यालयों में नहीं भेजा गया।वहीं पंचायतों द्वारा दो माह का वेतन भी नहीं दिया गया। विकास अधिकारी प्रियंका मीना ने 6 मार्च को सभी ग्राम सचिवों को निर्देश जारी किए थे कि समस्त कार्यरत पंचायत सहायकों को कार्यमुक्त कर विद्यालयों में भेजा जाए तथा मानदेय का भुगतान भी किया जाए। इसकी तीन दिवस में पालना रिपोर्ट मांगी थी। इसके बावजूद सचिवों ने आदेशों की पालना नहीं की है।
पंचायत सहायकों ने बताया कि जनवरी व फरवरी का मानदेय भी नहीं मिल पाया है। इससे परिवार के लालन-पालन का आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वहीं विद्यालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है। राज्य वित्त आयोग मद के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को 6 हजार मानदेय भुगतान राशि का प्रावधान है। (नि.सं.)