scriptचारधाम यात्रा के दौरान चिकित्सा सुविधा का अभाव बना जानलेवा, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री समेत इतने लोगों की हार्ट अटैक से मौत | 40 devotees died during char dham yatra 2019 due to heart attack | Patrika News

चारधाम यात्रा के दौरान चिकित्सा सुविधा का अभाव बना जानलेवा, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री समेत इतने लोगों की हार्ट अटैक से मौत

locationदेहरादूनPublished: Jun 12, 2019 03:46:28 pm

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Prateek

मौत का मुख्य कारण कई जगह चिकित्सा सुविधा का अभाव भी रहा…

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चारधाम यात्रा के दौरान चिकित्सा सुविधा का अभाव बना जानलेवा, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री समेत इतने लोगों की हार्ट अटैक से मौत

(देहरादून): उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पूरी कर लौट रहे मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री की आज हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम का दर्शन पूरा कर चुके थे। इसके बाद वह वापस लौट रहे थे। अजय सिंह, एसपी रुद्रप्रयाग ने बताया कि बदरी विशाल के दर्शन करने के उपरांत वह रूद्रप्रयाग स्थित हनुमान मंदिर के धर्मशाला में परिजनों के साथ रुके हुए थे। आज सुबह उन्हें दिला का दौरा पड़ा। इस पर परिजनों द्वारा उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।


बता दें कि शिवनारायण मीणा (७०) मध्य प्रदेश की राजनीति के कद्दावर नेता थे। शिवनारायण मीणा चांचौड़ा विधानसभा से चार बार विधायक चुने गए थे। वे दिग्विजय सिंह सरकार के दौरान वे मंत्री भी रहे। उनके आकस्मिक निधन से आमजन से लेकर कांग्रेस में शोक की लहर है। आमजन के बीच वे खासे लोकप्रिय थे इसी के चलते वे चार बार विधायक और दो बार राज्य मंत्री बने।

 

 शिवनारायण मीणा
शिवनारायण मीणा IMAGE CREDIT:

जानकारी के मुताबिक शिवनारायण मीणा के पार्थिव शरीर को गुना जिले में पड़ने वाले गांव चांचौड़ा ले जाया जाएगा। यहां उनका अंतिम संस्कार होगा। मीणा के आकस्मिक निधन पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने शोक जताया है। चौहान ने कहा की शिवनारायण की दिवंगत आत्मा को शांति मिले और उनके परिजनों को इस मुश्किल समय को सहन करने की शक्ति मिले।


गौरतलब है कि दिल का दौरा पड़ने से चारधाम यात्रा के दौरान अब तक लगभग 40 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। केदारनाथ धाम में अब तक सर्वाधिक 25 श्रद्धालुओं, यमुनोत्री में आठ, गंगोत्री में चार और बदरीनाथ में तीन श्रद्घालुओं की हार्ट अटैक से मौत हुई। इनमें से ज्यादातर की उम्र 60 वर्ष से लेकर 75 वर्ष थी। इन मौत का मुख्य कारण कई जगह चिकित्सा सुविधा का अभाव भी रहा।

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