गार्डों की संख्या में इजाफा
जानकारी के मुताबिक अलर्ट के तहत वन क्षेत्र में गश्त लगाने के लिए वन गार्डों की संख्या में इजाफा कर दिया गया है। इन्हें मुस्तैदी से उल्लुओं की सुरक्षा में तैनात रहने को कहा गया है। देहरादून वन प्रभाग के डीएफओ राजीव धीमान का कहना है कि उल्लू के शिकार की आशंका के मद्देनजर गश्त करने को लेकर मुख्यालय से भी एडवाइजरी जारी हुई है। जानकार बताते हैं कि उल्लू संरक्षित सूची का वन्य प्राणी है। आम दिनों में इन्हें अशुभ माना जाता है, लेकिन दिवाली के अवसर पर तंत्र पूजन के कारण उल्लू की उपयोगिता बढ़़ जाती है। यह स्थिति हर वर्ष दिवाली के समय आती है।
इसलिए होता है तांत्रिक क्रियाओं में उपयोग
मान्यता के अनुसार दिवाली के मौके पर तांत्रिक क्रिया करते समय उल्लू का उपयोग होने से मां लक्ष्मी की कृपा होती है। बलि देने के लिए जंगलों से उल्लू का शिकार किया जाता है। लोगों का मानना है कि इससे जीवन के धन धान्य में वृद्धि होती है। लालचवश लोग उल्लू का शिकार कर इसका उपयोग करते हैं।