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चुनाव न लड़ने पर अड़े पूर्व मुख्यमंत्री और पौड़ी के सांसद भुवन चंद्र खंडूरी, मोदी व शाह ने की मनाने की कोशिश तो कह दी यह बड़ी बात

locationदेहरादूनPublished: Mar 14, 2019 03:26:09 pm

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Prateek

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आदेश को भी किया दरकिनार…
 
 

Bhuvan Chandra Khanduri file photo

Bhuvan Chandra Khanduri file photo

(देहरादून): उत्तराखंड के दो बार मुख्यमंत्री रहे और वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल के सांसद मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) भुवन चंद्र खंडूरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से स्पष्ट कह दिया है कि वे वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव कतई नहीं लड़ेंगे। दरअसल खंडूरी ने दो माह पहले ही अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को यह स्पष्ट संदेश भेज दिया था कि वे वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं रहेंगे। उस दौरान भाजपा हाईकमान भी यही बात कह रहा था कि जब खंडूरी की इच्छा चुनाव नहीं लड़ने की है, तब पार्टी उन पर चुनाव लड़ने के लिए किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं बनाएगी। लेकिन संघ के एक सर्वे में इस इस बात खुलासा हुआ है कि पौड़ी संसदीय सीट बिना खंडूरी के निकाल पाना काफी कठिन है। सर्वे में यह बात भी कही गई है कि खंड़ूरी ही पौड़ी गढ़वाल की संसदीय सीट निकाल सकते हैं।


संघ के सर्वे ने उडाई बीजेपी की नींद

संघ की सर्वे रिपोर्ट ने भाजपा हाईकमान की परेशानी बढ़ा दी है। अब भाजपा हाईकमान खंडूरी को मनाने में जुट गया है। सूत्रों के मुताबिक इस क्रम में पिछले एक सप्ताह के अंदर खुद प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने खंडूरी से बात की है और उनसे आग्रह किया है कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ें। सूत्रों के मुताबिक खंडूरी ने मोदी और शाह को भी स्पष्ट रूप से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।

 

असल में वर्ष 2014 जब भाजपा की सरकार केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई, उसमें खंडूरी को ही मंत्री बनाया जाना था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने खंडूरी को उम्र का हवाला देकर मंत्री बनाने से इंकार कर दिया था। इसलिए उस दौरान खंडूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए। उसके बाद खंडूरी से यह कहा गया कि उन्हें राज्यपाल बनाया जाएगा। इसको लेकर खंडूरी की राय भी पूछी गई थी, लेकिन खंडूरी को राज्यपाल भी नहीं बनाया गया। खंडूड़ी को रक्षा मंत्रालय की समिति के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की समिति से इसलिए खंडूरी को हटाया गया, क्योंकि खंड़ूरी ने रक्षा मंत्रालय की व्यवस्था में सुधार लाने को लेकर कई सुझाव देने के साथ ही साथ सवाल भी खड़े किए थे, जिससे पीएमओ खंडूरी से नाराज हो गया था।


गौरतलब है कि खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी भी विधायक हैं। ऋतु को भी उत्तराखंड में मंत्री बनाने का वादा भाजपा हाईकमान ने किया था। उत्तराखंड में लोकसभा की 5 सीटें हैं। संघ को अपनी सर्वे रिपोर्ट में उत्तराखंड की दो सीटों पर ही भाजपा को उम्मीद की किरण दिख रही है। इसलिए भाजपा हाईकमान परेशान है।


‘लोकसभा चुनाव लडऩे के पक्ष में नहीं हूं। पहले भी कह चुका हूं। अब भी कह रहा हूं। पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है। उम्र बढ़ रही है। स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है। पार्टी जिसे चाहे टिकट दे।’ मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) भुवन चंद्र खंडूरी।

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