देहरादून

उत्तराखंड: भितरघातियों पर भाजपा हाईकमान लेगा कड़ा एक्शन

मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष से कहा है कि…

देहरादूनNov 29, 2018 / 05:05 pm

Prateek

(पत्रिका ब्यूरो,देहरादून): जिन भाजपाइयों ने निकाय चुनाव के दौरान अपने ही भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार किया है, अब उनकी खैर नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तराखंड भाजपा से स्पष्ट कहा है कि ऐसे भाजपाइयों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से सख्त कदम उठाया जाए। शाह ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि एेसे भाजपाइयों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के तहत संगठन से बाहर निकालने में भी परहेज नहीं किया जाए।


सूची बनाने की तैयारी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का आदेश मिलते ही सभी जनपदों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त भाजपाइयों की सूची बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा है कि करीब एक पखवाड़े के अंदर इस तरह के भाजपाइयों की सूची बन जाएगी। उसके बाद पूरा प्रकरण भाजपा की अनुशासन समिति को सौंपा जाएगा।


सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष से कहा है कि भाजपा कार्यकर्ता किसी भी गुट में क्यों न शामिल हों। यदि वाकई पिछले निकाय चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार उनकी संलिप्तता है तो ऐसे कार्यकर्ताओं को पार्टी से दूर रखा जाना चाहिए।


आम चुनाव का रखा जा रहा ध्यान

भरोसेमंद सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा हाईकमान को इस बात का भय सता रहा है कि यदि भितरघातियों पर समय रहते कडा एक्शन नहीं लिया गया तो वर्ष 2019 में होने वाले चुनाव में इस श्रेणी के भाजपाई दोबारा गड़बड़ी कर सकते हैं। इसलिए इस तरह के भाजपाइयों की पहचान करके पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। ताकि भविष्य में और भी कोई पार्टी कार्यकर्ता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का दुस्साहस नहीं कर सके।


भितरघातियों से पार्टी में भय

सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान भितरघातियों से काफी भयभीत है और वह चाह रहा है कि इस बारे में जल्द से जल्द कड़ा एक्शन लिया जाए। ताकि अन्य पार्टी कार्यकर्ताआें में एक कड़ा संदेश दिया जा सके। माना जा रहा है कि इस तरह के कार्यकर्ताआें की संख्या 500 से 900 के बीच है। जिसमें अधिकतर हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और नैनीताल के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के समर्थक हैं। इसके अलावा करीब 24 से ज्यादा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी भी शामिल हैं। जिन्होंने पिछले निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ काम किया है।

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