सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान उत्तराखंड चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल एेसे केंद्रीय नेताओं को निकाय चुनाव में प्रचार के लिए भेजने की रणनीति तैयार कर रहा है, जिनका उत्तराखंड से करीब का नाता रहा है। या फिर उत्तराखंड भाजपा के लंबे समय तक तक प्रभारी रहे हैं। इस क्रम में केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, थावर चंद्र गहलौत और धर्मेंद्र प्रधान के नामों की विशेष रूप से चर्चा चल रही है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह के नाम पर भी भाजपा हाईकमान गंभीरता से विचार कर रहा है।
असल में चौधरी विरेंद्र सिंह उत्तराखंह भाजपा के प्रभारी कभी नहीं रहे, बल्कि वे उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी जरूर रहे हैं। अब वे भाजपा में हैं और केंद्र में मंत्री हैं। माना जा रहा है कि चौधरी विरेंद्र सिंह को कांग्रेस की अंदरुनी जानकारी काफी पुख्ता है। भाजपा हाईकमान को लग रहा है कि चौधरी विरेंद्र सिंह को निकाय चुनाव के दौरान उतारने से भाजपा प्रत्याशियों को काफी फायदा होगा। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसी नजरिए से उत्तराखंड में होने वाले निकाय चुनाव को देख रहा है।
इस बारे में कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा का जनाधार निश्चित रूप से काफी कम हुआ है। भाजपा की सरकार का ध्यान विकास कार्यों पर नहीं है। इसलिए भाजपा के नेता काफी घबराए हुए हैं और निकाय चुनाव में भी बतौर स्टार प्रचारक केंद्रीय मंत्रियों को उतारना चाहते हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि निकाय चुनाव में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है। केंद्रीय नेताआें को निकाय चुनाव में उतारने से भाजपा की असली तस्वीर उजागर हो रही है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि प्रचार के लिए कहीं भी कोई जा सकता है। केंद्रीय मंत्री हो या कहीं का विधायक। क्या फर्क पडऩे वाला है।