चमोली में बादल फटा तो लोग सिहर गए। मूसलाधार बारिश से उफनाए नाले से आवासीय मकानों में मलबा घुसने के कारण दरारें पड़ गई हैं। इसके साथ ही स्कूल, पेयजल लाइनों, खेती की जमीन, गौशालाएं मलबे के कारण बर्बाद हो गईं। पानी का वेग ये रहा कि पैदल मार्ग भी नहीं बचा, बह गया।
बारिश से गिरे 11 मकान
प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। बारिश के चलते भूस्खलन से 79 मोटर मार्ग रुक गए। बार बार भूस्खलन हो रहा है। मलबा हटाने का क्रम चलता रहता है। धिमी गति से यातायात चल रहा है। बागेश्वर की कनलगढ़ में हो रही झमाझम बारिश से पुल बह गए। जिले के कपकोट, कांडा में बारिश से 11 मकान गिर गए। 16 सडकों पर मलबा आ गया, लगातार 24 घंटों की लगातार हो रही बारिश से नदी नालों में बाढ़ सी आ गई है। पुल गिर जाने से आसपास से संपर्क कट गया है।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
प्रदेश में आफत की बारिश हो रही है। कई जगह तबाही का मंजर सामने नजर आता है। हांलाकि मौसम विभाग के अनुसार अभी राहत नहीं मिलने वाली। आने वाले चौबीस घंटों में बारिश की आशंका बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार दून, पौड़ी, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी जिलों में भारी से बहुत बारिश होने की संभावना है। इतना ही नहीं अल्मोड़ा से लेकर रुद्रप्रयाग में भी भारी हो सकती है।
गौरतलब है कि भारी बारिश के कारण पिथौरागढ़ में 12 से अधिक सड़कें बंद हैं। मूसलाधार बारिश के कारण सड़कों पर मलबा जमा हुआ है। कुमाऊं और गढ़वाल दोनों के ही हालात कोई बहुत अच्छे नहीं हैं। जरूरी सामानों के लिए ग्रामीण प्रशासन पर आश्रीत है।