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बदरीनाथ के साथ ही खुले चारों धामों के कपाट, तो अव्यवस्थाओं के बीच शुरू होगी चारधाम यात्रा?

Chardham Yatra 2020: उत्तराखंड (Uttarakhand News) सरकार केंद्र से तीन बार कर चुकी है आग्रह, दिनोदिन बिगड़ रहे हालात को देखते हुए नहीं मिल रही इजाजत…
 

देहरादूनMay 15, 2020 / 07:43 pm

Prateek

बदरीनाथ के साथ ही खुले चारों धामों के कपाट, तो अव्यवस्थाओं के बीच शुरू होगी चारधाम यात्रा?

अमर श्रीकांत
देहरादून: भगवान बदरीनाथ के कपाट विधि विधान से शुक्रवार सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खोल दिए गए। यहां भी पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर हुई जिसमें विश्वशांति और कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई। कपाट खुलते समय मात्र 28 लोग ही मौजूद थे जिसकी अनुमति सरकार ने पहले ही दे दी थी। मंदिर को 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया था। भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चारों धाम खुल गए हैं। लेकिन श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगी हुई है, इसलिए चारों धामों में सन्नाटा है।

 

सरकार ने किया आग्रह…

चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए उत्तराखंड सरकार तीन बार केंद्र से आग्रह कर चुकी है। हालांकि, हर बार उत्तराखंड सरकार ने लाॅकडाउन के बीच स्थानीय स्तर पर चारधाम यात्रा शुरू करने की अपील की है। लेकिन, केंद्र कोरोना महामारी से दिनोदिन बिगड़ रहे हालात को देखते हुए चारधाम यात्रा शुरू करने की इजाजत नहीं दे पा रहा है।

 

लॉकडाउन के चलते कम हुआ काम…

खास बात यह है कि स्थानीय स्तर पर भी यदि केंद्र चारधाम यात्रा शुरू करने की अनुमति देता है तो यह यात्रा इस बार कई तरह से कठिनाइयों से भरी होगी। क्योंकि शौचालय, पेयजल, बिजली, सड़कों और डेंजर मार्गों की मरम्मत जैसे महत्वपूर्ण कार्य अब तक नहीं हुए हैं। चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाने के लिए अब तक पांच महत्वपूर्ण बैठकें मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हो चुकी हैं। जिनमें तीन बैठकें अक्टूबर 2019 से दिसम्बर 2019 के बीच हुई हैं। जबकि, दो बैठकें इस साल जनवरी और फरवरी में हुई हैं। चारधाम यात्रा को लेकर अक्टूबर में हुई बैठक में तय किया गया कि सभी अधूरे कार्य अप्रैल 2020 तक पूरे कर लिए जाएंगे। सभी कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियां और शुरुआती दौर में 600 करोड़ रुपए स्वीकृत भी हो चुके हैं, लेकिन अब तक महज केदारधाम में ही थोड़े बहुत काम हो पाए हैं।

सीएम ने पीएम को लिखा पत्र…

अब सरकार का कहना है कि लाॅकडाउन की वजह से यात्रा मार्ग के कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पाए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लाॅकडाउन मार्च के मध्य में ही शुरू हुआ जो अब भी जारी है। लेकिन यदि सरकार चाहती तो यात्रा मार्ग में प्रस्तावित तीन हजार शौचालय और दो हजार से ज्यादा पेयजल के नल और संवेदशील 600 डेंजर मार्ग लाॅकडाउन शुरू होने से पहले ही दुरूस्त कर लिए गए होते। यहां यह भी बताना जरूरी है कि अतिथि गृहों के मरम्मत कार्य भी अभी नहीं हुए हैं। ऐसे में यदि केंद्र चारधाम यात्रा के लिए अनुमति देता भी है तो श्रद्धालुओं को उन्हीं जीर्ण शीर्ण अतिथि गृहों में पनाह लेनी पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद स्थानीय स्तर पर चारधाम यात्रा की अनुमति के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त दो बार पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं।

‘अब तो चारों धाम खुल गए हैं। केंद्र से इजाजत मांगी गई है। यात्रा मार्ग में शौचालय, पेयजल और अन्य सुविधाएं दुरूस्त करने के लिए विचार विमर्श किया जा रहा है। फिलहाल, स्थानीय स्तर पर यात्रा शुरू कराने को लेकर सरकार प्रयास कर रही है।’ -सतपाल महाराज, धर्मस्व मंत्री, उत्तराखंड

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