यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब को लेकर छोटे बड़े कुल 600 डेंजर मार्गों की अब तक पहचान कर ली गई है। उम्मीद जताई गई थी कि चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले सभी डेंजर जोन दुरुस्त कर लिए जाएंगे। लेकिन मौसम की खराबी और अन्य विभागों के साथ सामंजस्य नहीं होने के कारण अब तक मात्र 100 डेंजर जोन को ही सुरक्षित किया जा सका है। डेंजर जोन के अलावा करीब यात्रा मार्ग में 300 स्थानों पर टूटी फूटी सडक़ों को दुरुस्त किया जाना बाकी रह गया है। पर्यटन विभाग के मुताबिक 80 से ज्यादा संपर्क मार्गों को अब तक ठीक कर लिया गया है। शेष मार्ग यात्रा के दौरान ही ठीक कर लिए जाएंगे। खास बात यह है कि आल वेदर रोड का काम अब भी जारी है। जबकि सरकार ने भरोसा दिलाया था कि यात्रा शुरू होते ही आल वेदर रोड का काम बंद कर दिया जाएगा। लेकिन अब तक आल वेदर रोड का काम बंद नहीं हुआ है।
इधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संवाददाताओं से कहा कि इस बार चारधाम में वर्ष 218 के मुकाबले में ज्यादा संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जहां भी कमी है ,वहां की व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी लगातार चारधाम यात्रा पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे आपस में सामंजस्य बनाकर काम करें। ताकि तीर्थयात्रियों को कोई दिक्कत नहीं हो।