राज्य में अपार उर्जा की संभावना
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। चारधाम आॅल वेदर रोड़ और कर्णप्रयाग-ऋषिकेष रेल परियोजना से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिला है। अनेक तरह के नीतिगत सुधार किए गए हैं। आर्गेनिक खेती की भी यहां भरपूर संभावना है। एग्रीकल्चर में वेल्यू एडीशन से किसानों की आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी। नवीकरणीय उर्जा में भारत वल्र्ड लीडर बन सकता है। उत्तराखण्ड में उर्जा सम्भावना इतनी है कि देश की उर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
18 साल के उत्तराखंड में कुछ कर गुजरने का जज्बा
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इण्डिया में उत्पादन पूरे विश्व के लिए होना चाहिए। भारत की प्रगति राज्यों की संभावनाओं को वास्तविकताओं में बदल कर ही किया जा सकता है। यह अच्छी बात हुई है कि राज्यों में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा प्रारंभ हुई है। उन्होंने कहा कि 18 साल की उम्र बहुत महत्वपूर्ण होती है। उत्तराखण्ड की संस्कृति बहुत पुरातन है परंतु राज्य निर्माण को 18 साल हुए हैं। राज्य सरकार में कुछ नया कर गुजरने का जज्बा है।
हर संभव प्रयास करेगा केंद्र
राज्य में आर्थिक विकास के लिए केंद्र सरकार हरसम्भव सहयोग प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। भारत वैश्विक समृद्धि का प्रमुख इंजन बनने वाला है। फिजिकल डेफिसिट कम हो रही है और महंगाई दर भी नियंत्रण में है। मिडिल क्लास का प्रसार हुआ है। आर्थिक सुधार में जो कदम उठाए गए उससे ईज आॅफ डूईंग बिजनेस में भारत ने काफी सुधार हुआ है।
सभी प्रयासों के जमीन पर खरे उतरने की उम्मीद जगी
स्वतंत्रता के बाद जीएसटी के तौर पर सबसे बड़ा टैक्स रिफार्म किया गया है। इन्फ्रास्टक्चर में काफी तेजी से काम किया गया है। प्रति दिन 27 कि.मी. एनएच का निर्माण किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड न्यू इण्डिया का प्रतिनिधित्व करता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के नेतृत्व में राज्य सरकार उत्तराखण्ड को नई दिशा देने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड का मंच इन्हीं प्रयासों की परिणति है। उम्मीद है कि ये प्रयास जमीन पर भी खरे उतरेंगे।
यह बोले सीएम
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि डेस्टिनेशन उत्तराखंड की प्रेरणा हमें प्रधानमंत्री जी की नायाब सोच, कोऑपरेटिव फेडरलिज्म से मिली। राज्यों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो, इसी सोच का नाम है डेस्टिनेशन उत्तराखंड। साल 2000 में जब उत्तराखंड का गठन हुआ था, तो उद्योगों के लिहाज से यह पिछड़ा क्षेत्र था, राज्य में पूंजी निवेश व रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध नहीं थे। लेकिन स्व. अटल जी की सरकार ने उत्तराखंड को विशेष औद्योगिक पैकेज देकर अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद की।