उत्तराखंड के स्थायी निवासी जो एच.आई.वी संक्रमण का इलाज प्रदेश के एन्टी रेट्रोवायरल केंद्रों (ए.आर.टी. केंद्रों) में करवा रहे हैं, राज्य सरकार उन्हें एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता देगी। इसके साथ ही प्रदेश के एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्तियों को ए.आर.टी. की दवा लेने के लिए केंद्र आने जाने के लिए रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा की व्यवस्था की जाएगी।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को समय समय पर काउन्सिल की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। एड्स व उसके कारणों पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी है, इससे काउन्सिल के गठन का उद्देश्य पूरा हो सकेगा। अध्ययन से प्राप्त आंक़ड़ो के डाटा का विश्लेषण कर सरकार द्वारा एड्स पर नियंत्रण करने के लिए योजनाएं बनाई जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय एड्स नियन्त्रण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। इसके तहत कार्यक्रम के अंतर्गत संविदा पर काम करने वाले चिकित्सकों को भी राज्य के अन्य सामान्य चिकित्सकों की तरह ही मानदेय दिया जाएगा। इसका खर्चा राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि युवा वर्ग में एड्स का मुख्य कारण ड्रग्स के लिए संक्रमित सिरिंज का इस्तेमाल करना है। इसलिए युवा वर्ग को इसके लिए जागरुक करना होगा। इसके साथ ही पुलिस द्वारा एंटी ड्रग्स कैंपिन को बढ़ाव देना होगा।