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उत्तराखंड: नहीं सुधरी अतिथि गृहों की व्यवस्था, सुधार की संभावना भी नहीं आ रही नजर

locationदेहरादूनPublished: May 11, 2019 09:29:18 pm

Submitted by:

Prateek

चारधाम यात्रा के समापन तक व्यवस्था सुधरने की उम्मीद नहीं
 

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(देहरादून): चारधाम यात्रा अब विधिवत शुरू हो चुकी है। उम्मीद जताई जा रही थी कि चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम के अतिथि गृहों का कायाकल्प सरकार द्वारा कर दिया जाएगा। केवल इतना ही नहीं सभी लचर व्यवस्थाएं भी दुरुस्त हो जाएंगी। लेकिन विडम्बना यह है कि गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन)के 73 कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि में डाला गया ताकि ऊर्जावान युवकों की नियुक्तियां की जा सके। पर्यटन विगाभ को लग रहा है कि ऐसा करने से अतिथि गृहों को ‘जीवंत’ किया जा सकेगा। कुमाऊं मंडल विकास निगम के अफसरों की भी प्रतिकूल प्रविष्ट में डालने की योजना बनायी गयी लेकिन चारधाम यात्रा को देखते हुए कुमाऊं मंडल विकास निगम ने चुपी साध ली।

 

दरअसल जीएमबीएन 74 कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि में डालने से वहां पर मैन पावर की किल्लत हो गयी है। इस बीच चारधाम यात्रा भी शुरू है। इसको देखते हुए ही कुमाऊं मंडल विकास निगम भी अपने अफसरों को प्रतिकूल प्रविष्टि में डालने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है। माना जा रहा है कि जब तक चारधाम यात्रा चलती रहेगी तब तक गढ़वाल मंडल विकास निगम या फिर कुमाऊं मंडल विकास निगम अपने कर्मचारियों और अफसरों को इधर- उधर करने की स्थिति में नहीं है।


दिसंबर 2018 में ही यह तय किया गया था गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम अपने अपने अतिथि गृहों की व्यवस्था को ठीक करेगा। व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दोनों ही निगमों ने अतिथि गृहों का एक सर्वेक्षण भी कराया था। जिसमें आलमारी,गद्दे ,टेबल ,कप -प्लेट जैसी आवश्यक चीजों को बदलने की बात कही गयी। लेकिन इसके लिए फंड ही उपलब्ध नहीं हो पाया। वैसे भी इन दोनों निगमों के पास ऐसा कोई कोष नहीं है जिसकी मदद से अतिथि गृहों का काया कल्प किया जा सके। दोनों ही निगम फिलहाल घाटे में चल रहे हैं। माना यह जा रहा था कि चारधाम यात्रा के दौरान अतिथि गृहों की व्यवस्था सुधर जाएगी। इस यात्रा सीजन में अतिथि गृह नए रूप रंग में दिखेंगे और ज्यादा से ज्यादा तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकृष्ट करेंगे। लेकिन फिलहाल अब सब कुछ पहले की तरह ही है। दोनों निगमों में नए एमडी भी आ चुके हैं। सभी यह दावा भी कर रहे हैं कि निगमों को घाटे से हर हाल में मुक्त करा लिया जाएगा। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि घाटे से उबारने के लिए योजना तो बनायी गयी लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया। इस बीच अब तो चारधाम यात्रा भी शुरू हो गयी। इसको लेकर पर्यटन विभाग के अधिकारी भी चुपी साधे हुए हैं। हालांकि अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को स्वीकार करते हैं जब तक अतिथि गृहों को संवारा सजाया नहीं जाएगा। इनको घाटे से उबारना आसान नहीं है।

 

इधर पर्यटन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि सरकार का फोकस पर्यटन गृहों को घाटे से उबारने के अलावा देशी -विदेशी पर्यटकों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस दिशा में गढ़वाल मंडल विकमास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम कसरत शुरू कर चुका है। वर्तमान में सबसे ज्यादा कुमाऊं मंडल विकास निगम के ही पर्यटन गृह घाटे में चल रहे हैं। माना जा रहा है कि यह घाटा करोड़ों में है। सूत्रों के मुताबिक हल्द्वानी या देहरादून में बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की बैठक भी चारधाम यात्रा को देखते हुए टाल दी गयी है। इस बैठक में पर्यटन गृहों को घाटे से उबारने के अलावा अधिकारियों और कर्मचारियों को लक्ष्य देना भी तय किया गया था।

 

इस संबंध में गढ़वाल मंडल विकास निगम के एमडी से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी लेकिन कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी रोहित मीणा ने बताया कि पर्यटक गृह घाटे पर चल रहे हैं। लेकिन इस साल से ही घाटा कम हो जाने की उम्मीद है। इस दिशा में विभाग काम शुरू कर चुका है।

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