मानसरोवर यात्रा पर निगरानी
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद केंद्रीय गृह विभाग ने भी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा पर प्रदेश सरकार को विशेष रूप से ध्यान देने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा में आए तीर्थयात्रियों के लोकेशन की भी जानकारी शनिवार को ली है। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से विशेष नजर रखने को कहा है।
आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट
इस बीच मौसम विभाग की चेतावनी के बाद उत्तराखंड आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की भी शनिवार को आवश्यक बैठक हुई जिसमें मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट पर विचार विमर्श किया गया। इसके अलावा देहरादून, पिथौरागढ़, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली, नैनीताल,ऊधम सिंह नगर और बागेश्वर सहित प्रदेश के 8 जनपदों में तैनात आपदा प्रबंधन की टीम को अलर्ट किया गया। मौसम विभाग के साथ ही साथ आपदा प्रबंधन ने भी जिलाधिकारियों से कहा है कि वे तीर्थयात्रियों को भी अपने स्तर पर अलर्ट कर दें। ताकि तीर्थयात्री मौसम की जानकारी लेकर ही तीर्थस्थलों की यात्रा करें।
इधर आपदा प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग -90 स्वाला मंदिर के पास मलवा आ जाने से बंद पड़ा हुआ है। इस मार्ग को खोलने की व्यवस्था की जा रही है। आपदा प्रबंधन के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक बारिश ज्यादा हुई तो टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने में कम से कम 15 दिन का समय लग जाएगा। आपदा प्रबंधन के मुताबिक कैलाश मानसरोवर यात्रा में आए सभी टीम के सदस्यों को मौसम के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि कौलाश मानसरोवर यात्रियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो।
सीएम रख रहे पैनी नजर
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बिगड़ रहे मौसम के मिजाज को लेकर सभी जिलाधिकारियों से बात की और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी पर्वतीय जनपदों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। ठप पड़े सेटेलाइट फोन तुरंत चालू करने के आदेश दिए गए हैं। ताकि जनपदों से देहरादून स्थित आपदा प्रबंधन के मुख्यालय के साथ सीधा संपर्क किया जा सके।