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उत्तराखंड सरकार से आपदा की रिपोर्ट तलब कर पीएमआे ने बारिश के पहले सरकार की तैयारी की मांगी जानकारी

locationदेहरादूनPublished: Aug 14, 2018 06:44:21 pm

प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट रूप से पूछा है कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है और हर साल यहां आपदा आती है। इसके लिए सरकार ने किस तरह की प्लानिंग की है। ताकि भविष्य में आने वाली आपदा से प्रदेश को कम से कम नुकसान हो…

narendra modi

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(देहरादून): प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तराखंड सरकार से आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट मांगने के साथ ही सरकार द्वारा अब तक उठाए गए जरूरी कदम की जानकारी भी मांगी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मूसलाधार बारिश से हुए नुकसान को काफी गंभीरता से लिया है। पीएमआे ने कुछ बिंदुआें की आेर इशारा भी किया है जिसमें मुख्य रूप से बारिश के पहले सरकार द्वारा बारिश और दैवीय आपदा से बचाव के लिए बनाई गई रणनीति की भी जानकारी मांगी है।

 

प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट रूप से पूछा है कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है और हर साल यहां आपदा आती है। इसके लिए सरकार ने किस तरह की प्लानिंग की है। ताकि भविष्य में आने वाली आपदा से प्रदेश को कम से कम नुकसान हो। पीएमआे ने सुझाव देते हुए सरकार से कहा है कि इस दिशा में विशेष रूप से अलर्ट होकर काम करने की जरूरत है। भूस्खलन और मलबा गिरने से सडक़ें ज्यादातर मौकों पर बंद हो जाती हैं। लेकिन इस दिशा में सरकार क्या कर रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय ने चारधामों के अलावा हेमकुंड साहिब के बारे में भी जानाकरी मांगी है और यह जानना चाहा है कि सरकार तीर्थयात्रियों को धामों में किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। विशेष रूप से बारिश में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के ठहरने की नई व्यवस्था क्या है। इस दिशा में सरकार ने नया क्या किया है।

 

दरअसल उत्तराखंड में बाढ़ तो नहीं आई है। लेकिन यहां बाढ़ से भी ज्यादा खतरनाक स्थिति पैदा हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की सर्वाधिक बदतर स्थिति है। यहां हुए जल जमाव से ग्रामीण जिला मुख्यालयों से कट गए हैं। संचार व्यवस्था भी चरमरा गई है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा तलब रिपोर्ट भेजने में अभी कुछ समय लग सकता है। क्योंकि उत्तराखंड के पर्वतीय और मैदानी जनपदों की स्थिति बारिश की वजह से काफी लचर हो गई है। आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक सटीक नुकसान का ब्योरा तो मिलने में काफी समय लगेगा लेकिन पटवारियों से जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा जिलाधिकारियों से भी कहा गया है कि संपत्ति और किसानों की फसलों की क्षति का ब्योरा तत्काल भेजें ताकि प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा जा सके।प्रमुख सचिव गृह आनंदवर्धन के मुताबिक पीएम के हर सुझाव का पालन किया जाएगा। साथ ही सभी जरूरी फीड बैक प्रधानमंत्री कार्यालय को जल्द ही भेज दिया जाएगा। इस दिशा में कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

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