जानकारी के मुताबिक फाइनेंशियल बिड़ ओपन करते समय सभी आपरेटर्स के हस्ताक्षर नहीं लिए गए। इसके बाद हेली सेवा की टेक्निकल बिड़ ओपन करने के लिए एक दिन का समय। इस बीच टेंडर में हेर फेर की चर्चाएं हैं। जिन कंपनियों को ज्यादा रेट दिए गए हैं उनको लेकर पक्षपात के आरोप लगाए जा रहे हैं। केदारनाथ हेली सेवा का विस्तार करने के लिए टेंडर किए जा रहे हैं। दोबारा टेंडर करने के लिए हुई इस बैठक में ऑपरेटर्स ने यूकाडा के अधिकारियों से सवाल जवाब तक कर डाले। हांलाकि यूकाड़ा के अधिकारी बगले झांकते नजर आए।
केदारनाथ हेली सेवा के ११ मई को निकाले गए टेंडर पर गुप्तकाशी से सेवाएं दे रही दो कंपनियों में धांधली की चर्चाओं का बाजार गर्म है। बता दें कि जहां फाटा से २३९९ रूपए किराया है जो कि पिछले वर्ष से ९५९ रूपए कम है, सेरसी से २४७० रूपए किराया है जो कि पिछले वर्ष से ६३० रूपए कम है। वहीं गुप्तकाशी से किराया ४२७५ रूपए है जो कि पिछले वर्ष से ६२५ रूपए अधिक है।
टेंडर में खेल के विवाद ने तब हवा पकड़ी जब रेट में भारी अंतर पाया गया। टेंडर डालने वाली कंपनियों ने इसका कारण पूछा तो रेट में इतने भारी अंतर का कोई अधिकारी जवाब नहीं दे पाया। यूकाडा सचिव दिलीप के जगह मीटिंग में आए एडवाइजर ओपी यादव कंपनी प्रतिनिधियों को जवाब नहीं दे पाए।
इस बारे में दिलीप जावलकर सेक्रेटरी व सीईओ यूकाडा ने कहा कि गुप्तकाशी का खुद का हेलीपैड है। इसके चलते उनकी मोनोपॉली है। यात्रियों की अधिक संख्या को देखते हुए अधिक रेट वाले टेंडर स्वीकार कर लिया गया। इसके अतिरिक्त ऑफ सीजन में हेलीकॉप्टर खाली रहते हैं। टेंडर प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी पाए जाने पर जांच करवाई जाएगी।
इस बीच हेली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने उनके हस्ताक्षर नहीं करवाए। दो कंपनी के रेट में भारी अंतर आए। ये वो कंपनियां हैं जो खुद का गुप्तकाशी में हेलीपैड होने का दावा करती हैं। हेलीपैड से केदारनाथ की दूरी में मामूली सा अंतर है, लेकिन सबसे कम रेट वाले फ्लाइंग स्टेशन फाटा और सबसे अधिक रेट गुप्तकाशी से एक घंटे में चार उडाने हो रही हैं। फ्यूल में मामूली अंतर होने के बाद करीब डबल किराया होने को लेकर डीजीसीए से शिकायत की तैयारी है।