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उत्तराखंड के आपदा प्रभावित जनपदों में राशन और पेयजल की किल्लत, राहत के लिए सरकार ने उठाया यह बडा कदम

locationदेहरादूनPublished: Aug 27, 2018 05:48:26 pm

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Prateek

बिगड़ते हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आगामी 48 घंटे के अंदर प्रभावित जनपदों में राशन की स्थिति सुधारने और वहां जरूरी सामग्री पहुंचाने के आदेश दिए हैं…

impact of flood

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(पत्रिका ब्यूरो,देहरादून): उत्तराखंड में मेघ थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहाड़ी और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों की स्थिति लगातार बदतर हो रही है जिससे अब राशन और पेयजल की किल्लत भी होने लगी है। हालांकि बिगड़ते हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आगामी 48 घंटे के अंदर प्रभावित जनपदों में राशन की स्थिति सुधारने और वहां जरूरी सामग्री पहुंचाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सोमवार को आनन—फानन में बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्रियों को उनके प्रभार वाले जनपदों में डेरा डालने और व्यवस्था को दुरुस्त करने के आदेश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पेयजल की किल्लत को भी गंभीरता से लिया है। साथ ही आगामी एक माह के अंदर क्षतिग्रस्त पेय जल की पाइप लाइनों को दुरुस्त करने के आदेश भी दिए हैं।

 

 

सूत्रों के मुताबिक बागेश्वर,पिथौरागढ़ और चंंपावत जनपद में आवश्यक सामग्री पिछले एक सप्ताह से खत्म है। जबकि पिछले सप्ताह ही सरकार ने दावा किया था कि राशन और केरोसिन की किल्लत 15 सितंबर तक नहीं रहेगी। इसके अलावा केरोसिन हरिद्वार और देहरादून के ग्रामीण क्षेत्रों,उत्तरकाशी, टिहरी और पौड़ी सहित 9 जनपदों में खत्म हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक खाद्य और आपूर्ति विभाग को उन जनपदों में जहां राशन की किल्लत है वहां आगामी 4 दिनों के अंदर अविलंब भेजने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि जल जमाव की वजह से तुरंत खाद्य सामग्री को प्रभावित क्षेत्रों में भेजना संभव नहीं है।


माना जा रहा है कि सरकार राशन पहुंचाने के लिए सेना के हेलीकाप्टर की मदद लेगी। इस संबंध में सेना को पत्र भी लिखा जा चुका है। दूसरी आेर आपदा की वजह से पेयजल की 600 पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिससे लोग दूषित पानी का सेवन कर रहे हैं। पेय जल मंत्री प्रकाश पंत ने सोमवार को सचिवालय में बताया कि आपदा से क्षतिग्रस्त पेय जल की लाइन को सुधारने में काफी समय लगेगा। सरकार कोशिश कर रही है कि प्रभावित जनपदों में शुद्ध जल की व्यवस्था की जाए। लेकिन इसमें चार दिन का समय लगने की संभवाना है। उन्होंने कहा कि प्रभावित जनपदों में जिलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि जब तक पेयजल की व्यवस्था नहीं हो जाती है तब पानी की बोतलों की सप्लाई ग्रामीण क्षेत्रों में की जाए।


प्रमुख सचिव गृह आंदनवद्र्धन ने बताया कि बारिश ,भूस्खलन और जलजमाव से कई जनपदों में राशन की दिक्कत जरूर है। लेकिन सरकार राशन व्यवस्था को पटरी पर लाने में लगी हुई है। आगामी एक सप्ताह का समय पूरी व्यवस्था को ठीक करने में लग जाएगा। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था की जा रही है। चिंता जैसी कोई बात नहीं है।

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