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सेना में महिलाओं के ‘कॉम्बैट रोल’ में अभी वक्त: लेफ्टि. जनरल आरपी सिंह

locationदेहरादूनPublished: Feb 18, 2020 10:08:24 pm

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Prateek

गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने (Indian Army) सेना (Women In Indian Army) में महिलाओं को स्थायी कमीशन (Lt. General RP Singh On Women Combat Role In Army) देने के खिलाफ केंद्र की अपीलों को खारिज कर दिया था…

सेना में महिलाओं के 'कॉम्बैट रोल' में अभी वक्त: लेफ्टि. जनरल आरपी सिंह

सेना में महिलाओं के ‘कॉम्बैट रोल’ में अभी वक्त: लेफ्टि. जनरल आरपी सिंह

देहरादून: पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने कहा कि सेना में महिलाओं को युद्धक भूमिका यानी ’कॉम्बैट रोल’ में आने में कुछ वक्त और लगेगा। उन्होंने कहा कि अभी महिलाओं को उन नॉन कॉम्बैट यूनिट की कमान दी गई है, जो कॉम्बैट सपोर्ट यूनिट हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में महिलाएं भारतीय सेना में और भी ज्यादा योगदान देंगी।


यह बात उन्होंने मंगलवार को क्लेमेनटाउन में आयोजित पश्चिमी कमान के अलंकरण समारोह के बाद पत्रकार वार्ता में कही। महिलाओं के लिए सेना में स्थायी कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं की हौसला अफजाई होगी। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि महिलाओं को युद्धक भूमिका में लाने का अभी सही वक्त नहीं आया है। उन्होंने बताया कि सेना काफी बड़ी है जिसमें कॉम्बैट, कॉम्बैट सपोर्ट और सर्विसेज आदि शामिल हैं। कुछ चुनिंदा क्षेत्र में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जा रहा है।

 

41 सैन्यकर्मी सम्मानित…

पश्चिमी कमान के अलंकरण समारोह में 41 सैन्यकर्मियों को उनके असाधारण साहस और विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा 16 उत्कृष्ट सैन्य यूनिटों को भी सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, पश्चिमी कमान की सर्वश्रेष्ठ 16 यूनिट को जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ प्रशंसा पत्र दिया गया। लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने कहा कि हमारा देश सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ ही विविधता में एकता की मिसाल भी है। आज देश विकास पथ पर है लेकिन कई चुनौतियां भी हैं। उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा, आपदा और सामरिक मोर्चे पर सेना डटकर खड़ी है और हर चुनौती के लिए तैयार है।


गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के खिलाफ केंद्र की अपीलों को खारिज कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट के 2010 के फैसले को बरकरार रखते हुए अदालत ने कहा था कि महिलाओं को सेना की लड़ाकू शाखाओं को छोड़कर अन्य विभागों में स्थायी कमीशन दिया जाए।

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