थोड़ी देर तक मुख्यमंत्री के साथ खेलने के बाद बच्ची बिना पलक झपकाए सीएम की तरफ देखने लगी। ऐसा लगा कहना चाह रही हो, आओ चलो और खेलते हैं। इस दौरान सीएम की सिक्योरिटी से लेकर अगल बगल खड़े लोग मुख्यमंत्री के इस वात्सल्यमय रूप को देख कर आनंदित हो रहे थे।
इस बीच मुख्यमंत्री ने योगिता के माता पिता से उसके खानपान व पोषण के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार योगिता समेत सभी बच्चों को कुपोषण से उबारने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। हमारा ध्येय है कि हम उत्तराखंड से कुपोषण को खत्म कर के मानें। राज्य में अभी तक 94 अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों को गोद लिया है।
गौरतलब है कि कुपोषण के खिलाफ अभियान की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को बड़ी पहल की है। इसके तहत प्रदेश में चिन्हित 1600 अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रिगणों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा गोद लिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार कक्षा नौ से 12 तक की बालिकाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट कराएगी, इससे समय रहते बच्चों में एनीमिया की असल स्थिति का पता चल पाए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पक्के भवन उपलब्ध कराने का संकल्प भी दोहराया।