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गैरसैंण विवाद में मंत्री भी कूदे,जानिए किसने क्या कहा!

locationदेहरादूनPublished: Nov 28, 2018 06:41:02 pm

Submitted by:

Prateek

शाह की चेतावनी का असर तो मुख्यमंत्री पर पड़ा है…

(पत्रिका ब्यूरो,देहरादून): चमोली जनपद के गैरसैंण में विधानसभा का सत्र आयोजित हो या नहीं। इसको लेकर सरकार और भाजपा के अंदर तनातनी बढ़ती ही जा रही है। अब तो मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री और उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी अपनी अपनी राय देना शुरू कर चुके हैं। जिससे आपस में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट दोनों को ही गैरसैंण को लेकर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से मना किया है। शाह की चेतावनी का असर तो मुख्यमंत्री पर पड़ा है।


शाह की नसीहत के बाद भी बोले भट्ट

मुख्यमंत्री ने गैरसैंण पर बुधवार को किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की है। लेकिन उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट ने बुधवार को यह जरूर कहा कि गैरसैंण कोई फैक्टर नहीं है। सरकार वाकई चाहती है कि गैरसैंण में विधानसभा का सत्र हो, तो सबसे पहले सरकार को गैरसैंण की व्यवस्थाएं दुरुस्त की जानी चाहिए। जबरन ठंड में गैरसैंण में विधानसभा का सत्र आयोजित करना ठीक नहीं है।

 

ठंडे दिमाग से समझने की कोशिश

भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री को ठंडे दिमाग से इन चीजों को समझने की आवश्यकता है। लेकिन मुख्यमंत्री को यह भी समझना चाहिए कि संगठन से ही सरकार बनी है। संगठन जितना मजबूत होगा सरकार उतनी ही सशक्त होगी।


भट्ट के समर्थन में उतरे मंत्री

वहीं बुधवार को गैरसैंण पर मुख्यमंत्री का कोई बयान नहीं आया है लेकिन सरकार में शामिल आयुष एवं वन एवं पर्यावरण मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने पार्टी अध्यक्ष अजय भट्ट का समर्थन करते हुए कहा है कि गैरसैंण में सत्र के आयोजन का कोई मतलब ही नहीं है। पहले वहां की व्यवस्थाएं दुरस्त की जानी चाहिए। आयुष मंत्री के बायान से प्रदेश की सियासत गरमा गई है। राजनीति के जानकार यह मान रहे हैं कि आयुष मंत्री का बयान ,मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ है। डा.हरक सिंह रावत ने खास रणनीति के तहत इस तरह का बयान दिया है।


सीएम के पक्ष में आए विधानसभा अध्यक्ष

जबकि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के समर्थन में बयान देते हुए कहा है कि गैरसैंण में सत्र किया जाना चाहिए। जब गैरसैंण में सारी व्यवस्थाएं मौजूद हैं तो फिर गैरसैंण में सत्र आयोजित करने को लेकर विवाद क्यों हो रहा है? गैरसैंण तो उत्तराखंड की मूल भावनाआें से जुड़ा हुआ है। यह गंभीर प्रकरण है। इसको कहीं से भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।


विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि गैरसैंण में सत्र कराना और नहीं कराना। यह तो सरकार का काम है। इसका किसी भी संगठन से कोई लेना देना नहीं होना चाहिए। अग्रवाल ने कहा कि अब गैरसैंण को लेकर आपस में राजनीति करना ठीक नहीं है।


‘ मुख्यमंत्री सही कह रहे हैं पर संगठन की भी भूमिका होती है। संगठन को साथ लेकर चलना होता है। इस मामले का अंत अब किया जाना चाहिए। बेवजह तूल देना ठीक नहीं है’ अजय भट्ट ,अध्यक्ष,उत्तराखंड भाजपा

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