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कश्मीरी पंडितों के पुनर्स्थापन को लेकर क्या है BJP का प्लान दिग्गज नेता ने किया खुलासा

locationदेहरादूनPublished: Oct 13, 2019 04:11:40 pm

Submitted by:

Prateek

पत्रिका से बातचीत में भाजपा (BJP Government) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी (Anil Baluni) ने (Article 370) कई मुद्दों (Kashmiri Pandits) पर (BJP Plan For Kashmiri Pandits) खुलकर चर्चा की…

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कश्मीरी पंडितों के पुनर्स्थापन को लेकर क्या है BJP का प्लान दिग्गज नेता ने किया खुलासा

(नई दिल्ली,अमरनाथ सिंह): देश-प्रदेश की राजनीति में अनिल बलूनी एक जाना-पहचाना नाम हैं। बलूनी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता, राज्यसभा सांसद होने के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख भी हैं। देश का लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव या फिर संगठन के चुनाव हों, बलूनी मीडिया के नजरिए से भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार हैं। साथ ही, राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के नाते वे विपक्ष के हर सवालों का बड़ी ही चतुराई के साथ जवाब भी देते हैं। फिलहाल, वे हरियाणा और महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में पार्टी की प्रचार-प्रसार नीति को पूरी तरह से क्रियान्वित करने में जुटे हुए हैं। राजस्थान पत्रिका ने भाजपा मुख्यालय में संगठन और सरकार को लेकर विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंशः

 

सवालः कश्मीर में अब भी हवा गरम है। क्या लगता है?

जवाबः सामान्य सी बात है। कोई भी आपरेशन होता है तो दर्द कुछ समय तक होता है। पर इतना जरूर है कि कश्मीर में हालात सामान्य हैं। जबरन का कुप्रचार किया जा रहा है। हकीकत यह है कि धारा 370 हटने के बाद लोग खुश हैं। खास बात यह है कि इससे आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा।
सवालः विस्थापित कश्मीरी पंडितों की जमीन या उन्हें पुनर्स्थापित करने, सुरक्षा और रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर सरकार कोई कार्य योजना बना रही है?

जवाबः वहां पर सरकार की नजर है। लद्दाख, लेह, करगिल जो भी वहां जनपद हैं, केंद्र सरकार सभी का विकास चाहती है। इस पर कसरत भी शुरू कर दिया गया है। आने वाले दिनों में संगीनों का पहरा खत्म होगा। लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पर्यटक भी आएंगे और खुशहाली के पथ पर कश्मीर चल पड़ेगा।
सवालः पाकिस्तान की नाराजगी दिनोदिन बढ़ती ही जा रही है? इस बारे में क्या सोचते हैं?

जवाबः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर पर भारत का पक्ष देश-दुनिया के सामने रख चुके हैं। अब तो कहने को कुछ बचा ही नहीं है। पाकिस्तान पड़ोसी देश है। उसे पड़ोसी की तरह ही रहना चाहिए।

 

सवालः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सांसदों ने गांव गोद लिए हैं। लेकिन इसके पीछे जो मकसद गांवों के चहुंमुखी विकास का था वो आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इस बारे में क्या कहना चाहेंगे?

जवाबः इसके लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। प्रधानमंत्री ने गांवों की तरक्की के लिए सांसदों से अपील की है। लेकिन सांसदों ने ही ज्यादा रुचि नहीं ली। सांसद कोई भी हो, उसे यह समझना पड़ेगा कि बिना गांवों के विकास के सब कुछ अधूरा होगा। क्योंकि जब सांसद एक गांव का विकास नहीं कर पाते हैं तो गोद लेने का कोई मतलब नहीं रह जाता। हां, पर कई सांसदों ने जिन गांवों को गोद लिए हैं, वहां काफी बढ़िया काम हुए हैं और वहां खुशहाली है। सड़कें बनी हैं। स्वास्थ्य केंद्र बने हैं। पेयजल और शौचालय बने हैं। कुटीर उद्योग स्थापित हुए हैं। सांसद ईमानदारी के साथ गांव गोद लें और उसका विकास करें।

 

सवालः महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा की क्या तैयारी है?
जवाबः महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा ने जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है। इसलिए दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार बनेगी। महाराष्ट्र में काफी विकास हुुए हैं। हरियाणा में तो भाजपा को तीन चैथाई बहुमत मिलेगा। ‘सबका साथ, सबका विकास’ की थ्योरी पर भाजपा ने महाराष्ट्र और हरियाणा में काम किया है।

 

सवालः महाराष्ट्र और हरियाणा में क्या विपक्ष को भाजपा कमजोर मानती है?
जवाबः महाराष्ट्र और हरियाणा ही नहीं, पूरे देश में कहीं विपक्ष नजर नहीं आ रहा है। लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना अच्छी बात है। विपक्ष की मौजूदगी रहेगी, तभी तो वह सत्ता पक्ष की खूबियों और खामियों को जनता के सामने रख पाएगा। इन दोनों राज्यों में एक तरह से विपक्ष साफ है।

 

सवालः महाराष्ट्र में शिवसेना इस बार काफी सक्रिय है?

जवाबः शिवसेना हर बार ही सक्रिय रहती है। सीटों का बंटवारा हो चुका है। अब चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि किसकी ज्यादा पकड़ मतदाताओं पर विशेष रूप से रही।

 

सवालः एनआरसी पर आपकी क्या राय है? इसके दायरे में आए लोगों को तो बांग्लादेश भी स्वीकार नहीं करेगा?

जवाबः घुसपैठिए हटने चाहिए। इसके लिए सख्ती से कोशिश की जा रही है लेकिन घुसपैठ का सिलसिला अब भी बंद नहीं हुआ है। बात केवल असम की ही नहीं है, अन्य राज्य भी इसका आंकलन कर रहे हैं। बांग्लादेश क्या करेगा, नहीं करेगा, इसका सभी को इंतजार करना चाहिए। अब सरकार क्या करेगी, क्या नहीं करेगी, इसका सभी को इंतजार करना चाहिए। यह बात जरूर है कि सरकार एनआरसी पर कहीं से भी दबाव में नहीं है।

 

सवालः भाजपा में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की बड़ी अहमियत है। लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं के पास दोहरी जिम्मेदारी है?

जवाबः भाजपा विश्व की सबसे बड़ी अनुशासित पार्टी है। भाजपा का अपना सिद्धांत है और पार्टी उस पर ही यकीन करती है। दिसंबर तक संगठन के चुनाव होने वाले हैं। ऐसा कहीं है तो वह अस्थाई व्यवस्था है। समय के हिसाब से चीजें तय होती है। बहुत जल्द सब कुछ सामान्य हो जाएगा।

 

सवालः क्या चनाव के दौरान ही भाजपा का राष्ट्रीय मीडिया तेजी के साथ कार्य करता है?

जवाबः ऐसा नहीं है। भाजपा का राष्ट्रीय मीडिया चैबीसों घंटा काम करता है। हां, चुनावों के दौरान विशेष रूप से सक्रियता बढ़ जाती है। अन्य दिनों में पार्टी की गाइड लाइन के मुताबिक कार्य किए जाते हैं। कहां और कब किस तरह का जवाब देना है। राष्ट्रीय मीडिया उस पर अपना फोकस रहता है। राष्ट्रीय मीडिया का काम काफी महत्वपूर्ण है। समय-समय पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इसकी समीक्षा भी करता रहता है। चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवारों को किस तरह से लाभ मिले। यही कोशिश रहती है।

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