सवालः कश्मीर में अब भी हवा गरम है। क्या लगता है? जवाबः सामान्य सी बात है। कोई भी आपरेशन होता है तो दर्द कुछ समय तक होता है। पर इतना जरूर है कि कश्मीर में हालात सामान्य हैं। जबरन का कुप्रचार किया जा रहा है। हकीकत यह है कि धारा 370 हटने के बाद लोग खुश हैं। खास बात यह है कि इससे आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा।
सवालः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सांसदों ने गांव गोद लिए हैं। लेकिन इसके पीछे जो मकसद गांवों के चहुंमुखी विकास का था वो आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इस बारे में क्या कहना चाहेंगे?
जवाबः इसके लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। प्रधानमंत्री ने गांवों की तरक्की के लिए सांसदों से अपील की है। लेकिन सांसदों ने ही ज्यादा रुचि नहीं ली। सांसद कोई भी हो, उसे यह समझना पड़ेगा कि बिना गांवों के विकास के सब कुछ अधूरा होगा। क्योंकि जब सांसद एक गांव का विकास नहीं कर पाते हैं तो गोद लेने का कोई मतलब नहीं रह जाता। हां, पर कई सांसदों ने जिन गांवों को गोद लिए हैं, वहां काफी बढ़िया काम हुए हैं और वहां खुशहाली है। सड़कें बनी हैं। स्वास्थ्य केंद्र बने हैं। पेयजल और शौचालय बने हैं। कुटीर उद्योग स्थापित हुए हैं। सांसद ईमानदारी के साथ गांव गोद लें और उसका विकास करें।
सवालः महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा की क्या तैयारी है?
जवाबः महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा ने जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है। इसलिए दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार बनेगी। महाराष्ट्र में काफी विकास हुुए हैं। हरियाणा में तो भाजपा को तीन चैथाई बहुमत मिलेगा। ‘सबका साथ, सबका विकास’ की थ्योरी पर भाजपा ने महाराष्ट्र और हरियाणा में काम किया है।
सवालः महाराष्ट्र और हरियाणा में क्या विपक्ष को भाजपा कमजोर मानती है?
जवाबः महाराष्ट्र और हरियाणा ही नहीं, पूरे देश में कहीं विपक्ष नजर नहीं आ रहा है। लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना अच्छी बात है। विपक्ष की मौजूदगी रहेगी, तभी तो वह सत्ता पक्ष की खूबियों और खामियों को जनता के सामने रख पाएगा। इन दोनों राज्यों में एक तरह से विपक्ष साफ है।
सवालः महाराष्ट्र में शिवसेना इस बार काफी सक्रिय है?
जवाबः शिवसेना हर बार ही सक्रिय रहती है। सीटों का बंटवारा हो चुका है। अब चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि किसकी ज्यादा पकड़ मतदाताओं पर विशेष रूप से रही।
सवालः एनआरसी पर आपकी क्या राय है? इसके दायरे में आए लोगों को तो बांग्लादेश भी स्वीकार नहीं करेगा?
जवाबः घुसपैठिए हटने चाहिए। इसके लिए सख्ती से कोशिश की जा रही है लेकिन घुसपैठ का सिलसिला अब भी बंद नहीं हुआ है। बात केवल असम की ही नहीं है, अन्य राज्य भी इसका आंकलन कर रहे हैं। बांग्लादेश क्या करेगा, नहीं करेगा, इसका सभी को इंतजार करना चाहिए। अब सरकार क्या करेगी, क्या नहीं करेगी, इसका सभी को इंतजार करना चाहिए। यह बात जरूर है कि सरकार एनआरसी पर कहीं से भी दबाव में नहीं है।
सवालः भाजपा में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की बड़ी अहमियत है। लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं के पास दोहरी जिम्मेदारी है?
जवाबः भाजपा विश्व की सबसे बड़ी अनुशासित पार्टी है। भाजपा का अपना सिद्धांत है और पार्टी उस पर ही यकीन करती है। दिसंबर तक संगठन के चुनाव होने वाले हैं। ऐसा कहीं है तो वह अस्थाई व्यवस्था है। समय के हिसाब से चीजें तय होती है। बहुत जल्द सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
सवालः क्या चनाव के दौरान ही भाजपा का राष्ट्रीय मीडिया तेजी के साथ कार्य करता है?
जवाबः ऐसा नहीं है। भाजपा का राष्ट्रीय मीडिया चैबीसों घंटा काम करता है। हां, चुनावों के दौरान विशेष रूप से सक्रियता बढ़ जाती है। अन्य दिनों में पार्टी की गाइड लाइन के मुताबिक कार्य किए जाते हैं। कहां और कब किस तरह का जवाब देना है। राष्ट्रीय मीडिया उस पर अपना फोकस रहता है। राष्ट्रीय मीडिया का काम काफी महत्वपूर्ण है। समय-समय पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इसकी समीक्षा भी करता रहता है। चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवारों को किस तरह से लाभ मिले। यही कोशिश रहती है।