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बारिश बनी बैरन, गांवों में फंसे हजारों लोग

locationदेहरादूनPublished: Aug 10, 2019 07:54:18 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

Uttarakhand: उत्तराखंड में हो रही झमाझम बारिश और भूस्खलन से करीब 200 से ज्यादा मार्ग बंद हैं। ऐसे में कई गांवों में आवागमन बाधित है। इसका असर जन जीवन पर भी पड़ा है…

More than 200 roads in Uttarakhand are blocked due to heavy rain

बारिश बनी बैरन, गांवों में फंसे हजारों लोग

देहरादून. उत्तराखंड में हो रही झमाझम बारिश और भूस्खलन से करीब 200 से ज्यादा मार्ग बंद हैं। ऐसे में कई गांवों में आवागमन बाधित है। इसका असर जन जीवन पर भी पड़ा है। बड़ी संख्या में लोग गांवों में फंसे रह गए हैं। उनके सामने राशन व अन्य जरूरी सामान की परेशानी आ रही है। बारिश का कहर 14 अगस्त तक जारी रहने की आशंका है। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में अलर्ट जारी किया है। साथ ही कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में रात सात बजे के बाद मुख्य सडक़ों पर वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिछले 25 दिनों से प्रदेश के पर्वतीय जिलों में लगातार बारिश और भूस्खलन से गढ़वाल मंडल के मोरी, जिलासू, देवाल, भिलंगना, नैनीडांडा और कुमाऊं मंडल के स्यालदे, धौलाछीन, पाटी, कोटबाग और दुगनाकुरी तहसील स्थित गांवों में आवामगन प्रभावित हुआ है। कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के कुल 200 मार्ग बाधित होने के कारण ग्रामीण परेशान हैं।

गंगोत्री-केदारनाथ मार्ग भी बाधित

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प्रदेश में पिछले 7 दिनों के अंदर भूस्खलन से गंगोत्री और केदारनाथ पैदल मार्ग भी पूरी तरह से बाधित है। केदारनाथ पैदल मार्ग में शनिवार को भी मलबा आने से पैदल मार्ग को नहीं खोला जा सका है। इधर, आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला के मुताबिक बाधित मार्गों को खोलने की कोशिश की जा रही है। लेकिन बरसात की वजह से काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि 20 दिनों में मार्गों के खोले जाने की उम्मीद है। आपदा प्रबंधन की टीम प्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट पर है। केदारनाथ पैदल मार्ग आगामी दो-तीन दिनों में खोले जाने की उम्मीद है। सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बंद पड़े मार्गों को तुरंत खोले जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों से राशन व्यवस्था की जरूरी सप्लाई पर भी नजर रखने को कहा है।

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