राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड सदैव शिक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से आकर्षण का केंद्र रहा है। आज भी ऋषिकेश दुनिया में योग और अध्यात्म के केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध है। गांधी जी ने कभी इस क्षेत्र की जलवायु से प्रभावित होकर कहा था कि ना जाने क्यों लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए यूरोप जाते हैं। अगर हम इस क्षेत्र का सही विकास करें तो पूरी दुनिया से लोग उत्तराखंड आएंगे। यहां नेचर टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म के साथ ही मेडिकल टूरिज्म का केंद्र बनने की भी पर्याप्त क्षमता है। रामायण की कथा में उत्तराखंड में संजीवनी बूटी का जिक्र आता है। यहां औषधीय गुणों से सम्पन्न वनस्पतियों की सम्पदा है। योग, आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी आदि पद्धतियों को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ विकसित करते हुए यहां हॉलिस्टिक हीलिंग की विश्व स्तर की सुविधाआें की सम्भावना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में एम्स की भूमिका महत्वपूर्ण है। एम्स को केवल चिकित्सा सेवा में ही नहीं बल्कि चिकित्सा अनुसंधान में भी आगे बढना है। एम्स ऋशिकेश में अनेक सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं दी जा रही हैं। उत्तराखंड में स्वास्थ्य संबंधी स्थानीय समस्याआें पर अनुसंधान करें। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि मेडिकल की उपाधि प्राप्त करने वाले युवा आज के बाद एक नई जिम्मेदारी की शुरूआत कर रहे है। उन्हें लोगों के दुख दर्द दूर करने व समाज की सेवा का व्रत लेना होगा। चिकित्सक का व्यवसाय मानवता से जुडा है इसलिए समाज को इनसे बडी उम्मीदें रहती है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश का प्रथम दीक्षांत समारोह एेतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का बेहतर उदाहरण है। यह मेडिकल शिक्षा का भी बेहतर संस्थान है। आज यहा 4 हजार आेपीडी तथा 900 इनडोर बेड की सुविधा है।