ऐसे हुई बवाल की शुरूआत
बुधवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन हंगामा उस समय शुरू हुआ, जब कांग्रेस के विधायक दल के उप नेता करण माहरा सत्र में शामिल होने के लिए सदन में आ रहे थे। विधान सभा के प्रवेश द्वार पर ही उनकी गाड़ी को सुरक्षा कर्मियों ने रोक लिया और उन्हें पैदल जाने को कहा। करण माहरा को रोके जाने की खबर सदन के अंदर पहुंचते ही कांग्रेस के शेष विधायक भी विधानसभा के मुख्य गेट के पास आ गए और सदन का बायकाट कर दिया। साथ ही करण माहरा के समर्थन में दिन भर भर विधानसभा के मुख्य द्वार पर बैठे रहे।
विपक्षी नेताओं को मनाने पहुंचे संसदीय कार्य मंत्री
कांग्रेस विधायक दल के उप नेता करण माहरा ने कहा कि सरकार ने खास रणनीति के तहत उन्हें रोका है। उन्होंने कहा कि गाड़ी विधानसभा की आेर से ही उनको लाने के लिए भेजी गई थी। उस गाड़ी का बाकायदे पास जारी हुआ है। बावजूद उनकी गाड़ी इसलिए रोकी गई ताकि वे सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकें। माहरा ने आरोप लगाया कि दरअसल बुधवार को लोकायुक्त पर चर्चा होनी थी। लोकपाल महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसलिए सरकार ने उन्हें रोकने की कोशिश की। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत को निर्देश दिया कि वे गेट पर जाएं और करण माहरा को मनाकर ले आएं। पंत ने करण माहरा को मनाने की कोशिश भी की लेकिन करण माहरा नहीं माने।
उधर सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अपने क्षेत्र की समस्याआें को उठाया और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से जवाब मांगा। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक अपने जवाब से अपने विधायकों को संतुष्ट नहीं कर पाए जिससे भाजपा के ही विधायक उखड़ गए और कहने लगा कि कांग्रेस के समय भी एेसा ही हो रहा था और अब भी उसी तरह से हो रहा है। एेसे में कांग्रेस और भाजपा में क्या फर्क है? माना जा रहा है कि सदन में गुरुवार को भी हंगामा होगा। गुरुवार को सत्र का अंतिम दिन भी हो सकता है। इस दिन सरकार अपना अनुपूरक बजट स्वीकृत करा सकती है।
‘सरकार सदन को चलाना ही नहीं चाहती है। बेवजह सदन को बाधित कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि वृहस्पतिवार को सदन चले लेकिन सब कुछ सरकार पर टिका हुआ है। भाजपा के विधायक भी बुधवार को मंत्री मदन कौशिक से नाराज दिखे। विकास कार्य ही नहीं हो रहा है ।एेसे में नाराजगी तो बढ़ेगी ही ’ इंदिरा हदृयेश ,नेता प्रतिपक्ष ,उत्तराखंड विधानसभा