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विरोध से निपटने की तैयारी में जुटी सरकार…
इधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी विधानमंडल दल की जरूरी बैठक 3 दिसबंर को बुलाई है। ताकि सदन के अंदर विपक्ष यदि श्राइन बोर्ड का मुद्दा उठाता है तो उससे किस तरह से सरकार निपटेगी। सदन में सरकार के संकटमोचक रहे और संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत भी अब दुनिया में नहीं हैं। उनकी मौत हो चुकी है। ऐसे में सरकार के सामने गंभीर स्थित पैदा हो गई है। प्रकाश पंत विपक्ष के हमले का जवाब देने में काफी माहिर रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बार संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को दी है। कौशिक सदन में किस तरह से मुद्दों को मैनेज करेंगे। यह बड़ा अहम सवाल है।
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घेराव को पहुंच रहे लोग…
सूत्रों के मुताबिक पर्वतीय जनपदों में काफी संख्या में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ क्षेत्र से पंडे और तीर्थपुरोहित विधानसभा घेरने के लिए पहुंचने लगे हैं। सदन में श्राइन बोर्ड को इस बार मंजूरी मिलनी है। इसके अलावा गन्ना किसानों का मामला भी है। गन्ना किसानों का भुगतान पिछले एक साल से सरकार नहीं कर पाई है। इसके अतिरिक्त कानून-व्यवस्था और खुले में शराब की ब्रिकी का मसला भी सदन में उठना है।
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सुरक्षा व्यवस्था की हुई समीक्षा…
इस बीच पंडा और तीर्थ पुरोहितों द्धारा सदन के घेराव और प्रदर्शन की धमकी को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक आवश्यक बैठक में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा व्यवस्था सदन की चाकचौबंद की जाए। ताकि उपद्रवी तत्व सदन में प्रवेश नहीं कर सकें। वैसे भी सदन की सुरक्षा सोमवार से ही बढ़ा दी गयी है।
‘श्राइन बोर्ड सरकार हर हाल में लागू करेगी। सरकार करोड़ों तीर्थयात्रियों का भला चाहती है। लिहाजा वैष्णदेवी की तर्ज पर श्राइन बोर्ड का गठन किया जाएगा। सरकार आंदोलनों से झुकने वाली नहीं है।’ त्रिवेंद्र सिंह रावत,मुख्यमंत्री ,उत्तराखंड
तीर्थ पुरोहितों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक दिलवाने के लिए कांग्रेस भी आंदोलन करेगी। ’ प्रीतम सिंह,अध्यक्ष ,उत्तराखंड कांग्रेस
‘श्राइन बोर्ड का गठन होने से तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक की सुरक्षा खतरे में है। इसलिए मैने भी चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया है। श्राइन बोर्ड का गठन नहीं होने दिया जाएगा। सरकार अपनी प्लानिंग नहीं बता रही है। तीर्थ पुरोहित कहां जाएंगे। ’ शिव प्रसाद ममगांई ,पूर्व उपाध्यक्ष,चारधाम विकास परिषद