पार्टी के ही वरिष्ठ नेताआें का मानना है कि प्रधानमंत्री से मिलकर उत्तराखंड आने के बाद मुख्यमंत्री का कद भी संगठन के दिग्गज नेताआें की नजर में काफी ऊंचा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अब आहिस्ता आहिस्ता संगठन में भी अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करेंगे ताकि पार्टी की आेर से किसी भी मुद्दों पर उनका विरोध नहीं हो। दिल्ली से लौटने के बाद भाजपा के दिग्गज नेताआें ने भी यह मान लिया है कि अब संगठन मुख्यमंत्री के इशारे पर ही चलेगा। यदि पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता बेवजह किसी भी तरह की बयानबाजी करेगा तो संगठन से उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक न केवल संगठन के वरिष्ठ नेता ठंडे पड़ गए हैं बल्कि भाजपा के वे विधायक जो मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे थे अब वे भी चुप्पी साध चुके हैं। पार्टी के ही नेता अब यह मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पर जिस तरह से अपना स्नेह बरसाया है उससे उत्तराखंड भाजपा नेताआें में यह संदेश तो चला गया है कि जबरन मुख्यमंत्री से पंगा लेना किसी भी भाजपाई के लिए भविष्य में काफी महंगा साबित हो सकता है।
उत्तराखंड के भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि ‘मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पार्टी में कहीं भी विरोध नहीं है। संगठन शुरू से ही मुख्यमंत्री का सहयोग करता रहा है और भविष्य में भी करेगा। संगठन केवल दायित्व आवंटन की मांग सरकार से कर रहा है। इसके अलावा संगठन की कोई भी मांग नहीं है।