वीडियो कॉल कर बताया था मै जिंदा हूं
अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद पता चला कि नवीन जिंदा है। वह रुद्रपुर में है। बाकायदा उसने अपने परिजनों से वीडियो कॉलिंग भी की। इससे परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह उसे तत्काल घर ले आए थे। पता चला कि उन्होंने अस्पताल और पुलिस की चूक के कारण किसी अज्ञात मृतक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया था।
नवीन के जीवित होने की खबर से परिजनों में खुशी का माहौल है। गुरुवार को उन्होंने हिंदू मान्यताओं के तहत नवीन का नामकरण, उपनयन से लेकर विवाह तक की रस्में पूरी कीं। मान्यता है कि पिंडदान के बाद यदि व्यक्ति जीवित लौट आता है तो उसके समस्त संस्कार दोबारा कराने पड़ते हैं। नामकरण के बाद नवीन का नाम नारायण भट्ट रखा गया।
कुछ दिन पूर्व विधवा हुई नवीन की पत्नी भी अब सुहागिन हो गई है।गुरुवार को नवीन की विधि विधान से शादी कराई गई। नवीन के जीवित लौटने से परिवार में खुशी का माहौल है। बच्चे पिता को पाकर काफी खुश हैं।
गुरुवार को नवीन का नया जन्म मानते हुए घर पर विभिन्न संस्कार संपन्न कराए गए। बाकायदा टनकपुर से कन्या पक्ष के लोगों को भी विवाह में बुलाया गया था। समस्त संस्कार चार घंटे में संपन्न हुए।