खास बात यह है कि इन सभी लोगों को इस बात की उम्मीद थी कि 31 मार्च को उत्तराखंड सरकार एक दिन के लिए लाॅकडाउन खत्म करेगी और कम से कम प्रदेश के लोग जो उत्तराखंड के अंदर ही इधर-उधर भटक रहे है, वे अपने गांवों को लौट जाएं। लेकिन केंद्र की सख्ती के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी 31 मार्च को पूर्व घोषित छूट रद कर दी है। लिहाजा, अब प्रदेश में फंसे लोगों को आगामी 14 अप्रैल तक किसी भी तरह की कोई उम्मीद नहीं है कि वे अपने घरों में जा सकें।
कहां कितने लोग फंसे…
लाॅकडाउन में स्थानीय लोगों के अलावा विभिन्न प्रांतों के कुल 42087 लोग उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में फंसे हुए हैं। देहरादून जनपद के देहरादून शहर में 6 हजार, कालसी में 500, ऋषिकेश में 12 हजार, डोईवाला में 1500 और विकास नगर में 4 हजार लोग फंसे हुए हैं। इस तरह कुल मिलाकर देहरादून जनपद में कुल 24 हजार लोग फंसे हुए हैं।
हरिद्वार जनपद में कुल 833 लोग अटके पड़े हैं। टिहरी गढ़वाल जनपद के नई टिहरी में 316, कांडीसैंण में 686, पालकी देवी में 501, कीर्तिनगर में 514, प्रतापनगर में 343 और धनौल्टी में 24 लोग फंसे हुए हैं। इसी तरह टिहरी गढ़वाल जनपद में 4050 लोग फंसे हुए हैं।
पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में 12, पौड़ी में 1200, यमकेश्वर में 285, चाकीसैंण में 68, सतपुली में 30 और धूमाकोट में 60 लोग फंसे हुए हैं। इस तरह इस जनपद में फंसे लोगों की संख्या कुल 1655 है।
उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट में 319, उत्तरकाशी में 927, पुरोला में 181, चिन्यालीसौंण में 573, नौगांव में 103 लोग फंसे हुए हैं। इन आंकड़ों के हिसाब से उत्तरकाशी जनपद में 2103 लोग अटके हुए हैं।
चमोली जनपद के चमोली में 550, थराली में 320, जोशीमठ में 564, घाट में 75, पोखरी में 200, गैरसैंण में 100, कर्णप्रयाग में 450 लोग हैं। इस तरह कुल मिलाकर चमोली जिले में कुल 2259 लोग फंसे हुए हैं।
रूद्रप्रयाग में कुल 207 और नैनीताल के लालकुंआ में 59 लोग फंसे हुए हैं। उधमसिंह नगर के काशीपुर में 30, रूद्रप्रयाग में 15, किच्छा में 100, सितारगंज में 70 और खटीमा में 90 लोग फंसे हुए हैं। इस तरह यहां पूरे जनपद में 305 लोग फंसे हुए हैं।
चंपावत जनपद के चंपावत में 158, टनकपुर में 1500, लोहाघाट में 449, बड़कोट में 86, पाटी में 375 लोग हैं। इस तरह पूरे जनपद में 2568 लोग हैं। पिथौरागढ़ जनपद के बेरीनाग में 227, बिन में 577, डीडीहाट में 125, गंगोलीहाट में 74, मुनस्यारी में 62, धारचूला में 79, देवलथल में 33, थल में 62, गनाई में 44, तेजम में 61 लोग हैं। इस तरह यहां 1344 लोग फंसे हैं।
बागेश्वर जनपद के बागेश्वर में 275, कपकोट में 390, गरूड़ में 244, कांडा में 225 लोग हैं। इस तरह यहां 1134 लोग लोग फंसे हैं। अल्मोड़ा जनपद के सल्ट, स्यालदै और भिकियासैंण में 240, हवालबाग, जैंती और भनौली में 300, अल्मोड़ा और सोमेश्वर में 350, रानीखेत में 500 के अलावा द्वाराहाट और चैखुटिया में 180 लोग फंसे हैं। इस तरह अल्मोड़ा जनपद में कुल 1570 लोग अटके पड़े हैं। इस तरह देखा जाए तो पूरे उत्तराखंड में कुल 42087 लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं। जिसमें अधिकतर स्थानीय और उत्तरप्रदेश के लोग शामिल हैं।