दो धड़ों में बटी बीजेपी
शुक्रवार को उत्तराखंड भाजपा की एक जरूरी बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब पार्टी को कार्यकर्ताआें के खिलाफ कार्रवाई करने का समय आ गया है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताआें का एक धड़ा यह चाहता है कि मौजूदा हालात में अवकाश पर गए कार्यकर्ताआें के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इसका असर निकाय चुनाव के साथ ही साथ वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा। बावजूद पार्टी का एक बड़ा धड़ा कार्यकर्ताआें के खिलाफ कठोर कार्रवाई की ही मांग कर रहा है।
सीएम ने संगठन के पाले में फेंका पासा
दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी नाराज कार्यकर्ताआें को अपने तरीके से मनाने की कोशिश की लेकिन कार्यकर्ता दायित्व आवंटन की मांग पर अड़े रहे जिससे मुख्यमंत्री काफी नाराज हुए। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि अब वे किसी भी कार्यकर्ता को मनाने की कोशिश नहीं करेंगे। संगठन अपने तरीके से कार्यकर्ताआें को समझाए या जो भी जरूरी कदम हो उठाए। सरकार फिलहाल दायित्व बांटने के मूड में नहीं है। जब आवश्यकता होगी तब ही सरकार दायित्व बांटेगी।
कार्यकर्ताओं पर एक्शन लेने के मूड में कांग्रेस
वहीं दूसरी आेर उत्तराखंड कांग्रेस ने भी अपने कार्यकर्ता को अल्टमेटम दे दिया है। प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कार्यकर्ताआें को दो दिन का समय दिया है। मतलब साफ है कि 29 तक यदि कांग्रेस के कार्यकर्ता संगठन की बात नहीं माने तो कांग्रेस भी अपने कार्यकर्ताआें के खिलाफ एक्शन लेगी। शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह स्पष्ट निर्णय लिया गया कि अब कार्यकर्ताआें को मनाने की समय नहीं है। अब तो प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने का समय आ गया है।
हरीश रावत ने की कार्यकर्ताओं से अपील
उधर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शुक्रवार को कार्यकर्ताआें से अपील की कि वे अपने अपने क्षेत्रों में पार्टी द्वारा अधिकृत प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार शुरू कर दें। रावत ने कहा है कि अब समय गुमराह नहीं होने का है। बल्कि एक अनुशासित सिपाही की तरह पार्टी के अंदर रहकर भाजपा के खिलाफ लडऩे का है। रावत का मानना है कि प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में काफी बेहतर माहौल है और इसका फायदा पार्टी के प्रत्याशियों को मिल सकता है।