उत्तराखंड कांग्रेस ने साफ-साफ कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भाजपा और उसकी सरकार जानबूझ कर फंसाना चाहती है। इसलिए भाजपा की सरकार सीबीआई का सहारा ले चुकी है। सरकार के इशारे पर ही सीबीआई काम कर रही है।
असल में साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सहित कांग्रेस के 9 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत की थी। जिसकी वजह से हरीश रावत की सरकार अल्पमत में आ गई थी। सरकार पर बढ़े खतरे को देखते हुए हरीश रावत ने सरकार को बचाने के लिए खरीद खरोख्त का सहारा लिया। यही प्रमाण स्टिंग में है और पूर्व मुख्यमंत्री पर भी यही आरोप लगा है कि हरीश रावत ने अपनी सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त तक की जो बतौर सबूत एक चैनल द्वारा किए गए स्टिंग में है।
रावत के मामले में सभी एक हुए…
अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस के नेता अब हरीश रावत के साथ खड़े दिख रहे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं का फोकस अब पंचायत चुनाव पर नहीं होकर सरकार के खिलाफ ज्वलंत मुद्दों पर हो गया है। इस क्रम में ही सोमवार को ई रिक्शा वालों को लेकर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्य कांत धस्माना ने सचिवालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। ई रिक्शा वालों की कई समस्याएं हैं। इसके अलावा भी कांग्रेस के शीर्ष नेता शहर से लेकर गांव तक सरकार के खिलाफ छोटी— छोटी जन सभाएं कर रहे हैं। ताकि प्रदेश के लोगों को सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में व्याप्त अनियमितताओं का लेखा जोखा पेश किया जा सके।
जगह-जगह दावत दे रहे कांग्रेसी…
इसके अतिरिक्त कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जगह जगह पहाड़ी व्यंजनों की पार्टियां दे रहे हैं। ताकि लोगों को यह पता चल सके कि कांग्रेस ही उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा और विकास कर सकती है। लिहाजा कम से कम कांग्रेस के लिए यह अच्छी बात है कि हरीश रावत के बहाने उत्तराखंड कांग्रेस का हर धड़ा आज एक होकर भाजपा और उसकी सरकार को घेरने में जुटी गया है।
‘ उत्तराखंड सरकार के पास कोई विजन नहीं है। सरकार बेवजह कांग्रेस नेताओं को सीबीआई से डराती रहती है। पर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता न ही सरकार और न ही सीबीआई से डरने वाले हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं। पंचायत चुनाव में तो कांग्रेस बिना प्रचार के ही विजयी होगी।’ प्रीतम सिंह ,अध्यक्ष,उत्तराखंड कांग्रेस