देहरादून

पर्यटन को बढावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से चलाई जा रही होम स्टे योजना को लगा धक्का

इस साल सरकार ने पूरे उत्तराखंड में करीब 2000 होम स्टे विकसित करने का प्लान किया है…

देहरादूनSep 11, 2018 / 08:52 pm

Prateek

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(देहरादून): उत्तराखंड में होम स्टे योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। जो लोग विशेषकर ग्रामीण होम स्टे योजना के अंतर्गत बैकों से ऋण लेना चाहते हैं उन्हें काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल अधिकतर ग्रामीण इस योजना के तहत अपनी कृषि भूमि बैंक को गिरवी रखना चाहते हैं लेकिन बैंक कृषि भूमि गिरवी नहीं रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त कई और भी समस्याएं होम स्टे के लिए ऋण लेने पर आ रही हैं। इस संबंध में पिछले दिनों उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत प्रदेश के सभी बैंकों के अधिकारियों की बैठक बुलाई और बैंकों की सुस्त गति पर नाराजगी जताई और कहा कि ऋण देने के लिए कोई सरल तरीका निकालें। वरना होम स्टे योजना खटाई में पड़ सकती है।

 

3 साल में 6 हजार होम स्टे विकसित करने का लक्ष्य

बताते चलें कि इस साल सरकार ने पूरे उत्तराखंड में करीब 2000 होम स्टे विकसित करने का प्लान किया है। हालांकि आगामी तीन सालों में 6 हजार होम स्टे को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के प्रति ग्रामीणों में क्रेज भी देखने को मिल रहा है। पर्यटक भी होम स्टे में ठहरना चाहते हैं और उसका आनंद भी उठाना चाहते हैं। लेकिन होम स्टे में सुविधाआें का अभाव दिख रहा है जिससे पर्यटक वहां पहुंच कर भी होम स्टे में नहीं ठहर रहे हैं। होम स्टे को विकसित करने के लिए धन की आवश्यकता है। लेकिन गांव के लोगों के पास पैसों का अभाव है। इसलिए उन्हें मजबूरन बैंकों से ऋण लेने पड़ रहे हैं। लेकिन ऋण लेने में काफी जटिलता है। जिससे ग्रामीणों को ऋण नहीं मिल पा रहा है।


इस साल बैंकों में ऋण के लिए मात्र 201 लोगों ने ही आवेदन किए हैं जिसमें केवल 111 लोगों के ही आवेदन बैंकों की आेर से आगे बढ़ाए गए हैं। बैंकों की आेर से रखी जाने वाली शर्तों से ग्रामीण काफी परेशान हैं। लिहाजा ग्रामीण चाह कर भी होम स्टे योजना पर कसरत नहीं कर रहे हैं।

 

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