दुनियाभर के श्रद्धालु जो कि किन्हीं कारणों से देवभूमि नहीं आ पाते हैं, यहां के चार धाम सहित अन्य प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों के ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए जिओ एक डिजीटल प्लेटफार्म तैयार कर रहा है। जिसके तहत केदारनाथ,बदरीनाथ,गंगोत्री और यमुनोत्री सहित अन्य धार्मिक स्थलों का दर्शन किया जा सकेगा।
यहां बताना जरूरी है कि इंवेस्टर्स समिट से पहले, अगस्त 2018 में मुंबई में आयोजित रोड शो के दौरान मुकेश अंबानी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट कर डिजीटल उत्तराखंड के लिए नेट कनेक्टीविटी में सहयोग का प्रस्ताव दिया था। इसी क्रम में जिओ ने फाइबर कनेक्टीविटी पर काम शुरू किया है। माना जा रहा है कि करीब 89 फीसद काम पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि ‘चारधाम और दूसरे प्रमुख मंदिरों के लाइन दर्शन से दुनिया भर के लोग उत्तराखंड की अध्यात्मिकता से परिचित होंगे। शारीरिक अस्वस्थता या अन्य दूसरे कारणों से आने में असमर्थ श्रद्धालु, चारधाम का दर्शन कर सकेंगे। गौरतलब है कि फिलहाल चार धाम यात्रा के संचालन की जिम्मेदारी सरकार द्वारा निर्मित देवस्थानम विभाग के पास है या पहले की तरह मंदिर समितियां इसे निभाएंगी यह साफ नहीं हो पाया है। मंगलवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने समितियों की तरह से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और देवस्थानम बोर्ड के नए सीइओ को नोटिस जारी कर इस विषय तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।