माना जा रहा है कि यह एक तरह का शक्ति प्रदर्शन ही है। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड सदन में जमे विधायकों की अगुवाई डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ कर रहे हैं। इस बीच भाजपा हाईकमान ने सोशल मीडिया और टीवी चैनलों में नेतृत्व परिवर्तन की बात को खारिज कर दिया है। विधायकों को दिल्ली में किसी भी तरह का कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं करने और अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाने को कहा गया है। दरअसल पिछले तीन—चार दिनों से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जबरदस्त अफवाहें हैं। मुख्यमंत्री भी दो दिनों से दिल्ली में ही जमे हुए हैं। मुख्यमंत्री के समर्थन और विरोध करने वाले विधायकों का जमावड़ा दिल्ली में है।
इधर उत्तराखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने बताया कि दिल्ली में मुख्यमंत्री की ओर से किसी भी तरह का कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सोमवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जो विधायक दिल्ली आए थे, वे मुख्यमंत्री से मिलने जरूर आए थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि विधायकों में किसी भी तरह की कोई नाराजगी नहीं है। भट्ट ने कहा कि पिछले पांच दिन पहले देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास पर रात्रि भोज में भाजपा के 45 से ज्यादा विधायकों ने भाग लिया है। इसलिए नाराजगी का कोई सवाल ही नहीं है। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक’ ने बताया कि वे मुख्यमंत्री की दौड़ में कतई नहीं हैं। लेकिन हाईकमान की मंशा क्या है उन्हें यह नहीं पता। निशंक ने कहा कि हाईकमान जो भी कहेगा उसका पालन करूंगा।
‘वरिष्ठ नेताओं से मार्ग दर्शन के लिए समय समय पर आना पड़ता है। इस क्रम में ही दिल्ली में हूं। विधायकों में एकजुटता है। अफवाहें फैलाई जाती हैं।’ त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड