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आपदा प्रबंधन के मुताबिक बाधित सडक़ों, पेजजल की सप्लाई और बिजली व्यवस्था ठीक करने की कोशिश की जा रही है। मौसम सही रहा तो आगामी एक पखवाड़े के अंदर सब कुछ सामान्य हो जाने की उम्मीद है। कई शहरों में अब भी बर्फ जमी हुई है। सबसे ज्यादा दिक्कत स्नोकटर मशीन को लेकर है। मशीन की कमी की वजह से चमोली, अल्मोड़ा और रुद्रप्रयाग में जमी हुई बर्फ को हटाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
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उत्तराखंड के दूर दराज वाले क्षेत्रों में राशन की कमी की खबर है। खास तौर पर पौड़ी जनपद के जयहरीखाल, बीरोखाल और त्यूणी के दूर दराज के स्थानों पर राशन की कमी की वजह से लोग काफी परेशान हैं। किरासन तेल की भी कमी इस क्षेत्र में हो गई है। सडक़ें और संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त होने की वजह से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग राशन की सप्लाई समय पर नहीं कर पा रहा है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि जिन क्षेत्रों में राशन की किल्लत की सूचनाएं मिली हैं उनको ठीक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी 20—25 दिनों के अंदर सब कुछ सामान्य हो जाने की उम्मीद है। कौशिक ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के मौसम के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।
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हो सकती है बारिश…
मौसम विभाग को अंदेशा है कि आगामी तीन चार दिनों तक पर्वतीय जिलों में बारिश हो सकती है। ऐसी स्थिति में सडकों की मरम्मत और बिलजी की सप्लाई को दुरुस्त करना कोई सहज काम नहीं है। सरकार कोशिश कर रही है कि किरासन और राशन की कमी को तत्काल प्रभार से दूर किया जाए।