लौटना नहीं चाहते…
सबसे बड़ी समस्या पश्चिम बंगाल के पर्यटकों को लेकर रही जिन्हें वहां की सरकार बुलाना नहीं चाहती थी। लेकिन केंद्र के दबाव की वजह से करीब 550 बंगाल के पर्यटक लौट गए हैं। अब केवल वहां के 41 पर्यटक उत्तराखंड में हैं जो अभी लौटना नहीं चाहते हैं।
कहां कितने पर्यटक…
इसके अलावा दिल्ली के 19 पर्यटक, महाराष्ट्र के 19, हरियाणा के 13, उत्तरप्रदेश के 13, ओडिशा के 6, पंजाब के 5, कर्नाटक के 5, राजस्थान के 4, छत्तीसगढ़ के 4, झारखंड के 4, बिहार के 4, गुजरात के 3, हिमाचल के 2, मध्यप्रदेश के 2, तेलंगाना के 2, असम का एक, आंध्रप्रदेश से एक, गोवा से एक और अन्य जगहों के कुछ पर्यटक शामिल हैं। इस तरह से 20 राज्यों के पर्यटक अभी उत्तराखंड में हैं जिनमें पौड़ी में 46, रूद्रप्रयाग में एक, टिहरी में 4, उत्तरकाशी में 2, चमोली में 2, नैनीताल में 11, अल्मोड़ा में 13, पिथौरागढ़ में 8, हरिद्वार में 50, उधमसिंह नगर में 10, बागेश्वर में 6 पर्यटक रह रहे हैं।
सुविधा देने में जुटा विभाग…
पर्यटन विभाग पूरी कोशिश में जुटा है कि सभी पर्यटकों को एक या दो जिलों में रखा जाए, ताकि उन्हें हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इस संबंध में पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेश्क पूनम चंद का कहना है कि अधिकतर पर्यटक तो चले गए हैं। करीब 153 पर्यटक अब भी हैं जो कोरोना के भय से उत्तराखंड छोड़ना नहीं चाहते। इन पर्यटकों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
विदेशी कर रहें धन्यवाद…
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच भारत ने विदेशी अतिथियों को वापस भेजकर एक और जिम्मेदारी भी निभाई। उत्तराखंड पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक पूनम चंद के मुताबिक, काफी संख्या में विदेशी पर्यटकों को उत्तराखंड से भेजा जा चुका है। सकुशल अपने देश पहुंच गए विदेशी अब उत्तराखंड सरकार को थैंक्स भेज रहे हैं। यह थैंक्स उत्तराखंड पर्यटन विभाग के वेबसाइट पर आजकल देखे जा सकते हैं। इसके अलावा उत्तराखंड पर्यटन नियंत्रण केंद्र में इन दिनों आने वाले ज्यादातर फोन उन विदेशियों के होते हैं जो यहां से अपने देश पहुंच चुके हैं और उत्तराखंड सरकार की ओर से की गई मदद के लिए आभार व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन अब भी करीब 900 विदेशी पर्यटक और 300 देशी पर्यटक उत्तराखंड में हैं। उल्लेखनीय है कि रूस और अमेरिका से आए कई पर्यटक ऋषिकेश में ही रुक कर योग प्रशिक्षण ले रहे हैं और मौजूदा हालात को देखते हुए घर वापसी के बजाय उत्तराखंड में ही रहना चाहते हैं।