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उत्तराखंड: प्रदेश का पहला डाप्लर राडार मुक्तेश्वर में 6 माह में होगा स्थापित

locationदेहरादूनPublished: Oct 19, 2018 04:11:23 pm

इस उपकरण को स्थापित करने में कुल 5 से 7 करोड़ रुपए ही खर्च होते हैं…

doppler radar

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(पत्रिका ब्यूरो,देहरादून): उत्तराखंड सरकार ने डाप्लर राडार के लिए भूखंड उपलब्ध करा दिया है। भूखंड मिलते ही केंद्र सरकार ने डाप्लर राडार की खरीदी के आदेश कंपनी को दे चुकी है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आगामी 6 माह में उत्तराखंड का पहला डाप्लर राडार नैनीताल के मुक्तेश्वर में स्थापित हो जाएगा।

 

केंद्र व राज्य के फेर में फंसा था राडार

दरअसल उत्तराखंड में डाप्लर राडार स्थापित करने की पहल राज्य गठन के बाद से ही शुरू हो गया था लेकिन कभी केंद्र तो कभी प्रदेश सरकार की ढुलमुल नीति की वजह से डाप्लर राडार का सपना पूरा होने में करीब 18 साल तो लग ही गए हैं। प्रदेश में तीन स्थानों पर डाप्लर राडार स्थापित किए जाने हैं। हालांकि इसके लिए बीते 18 सालों में अब तक डाप्लर राडार के लिए केवल मुक्तेश्वर में ही भू खंड प्रदेश सरकार उपलब्ध करा पाई है। डाप्लर राडार देहरादून जनपद के मसूरी और पौड़ी के लैंस डाउन में ही स्थापित किए जाने हैं। लेकिन प्रदेश सरकार अब तक इसके लिए जरूरी भूखंड उपलब्ध नहीं करा पा रही है।

 

 

जमीन उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हो रही सरकार

सूत्रों के मुताबिक कई सालों से प्रदेश सरकार बार बार केंद्र को यही कहती रही है कि जल्द ही डाप्लर राडार के लिए भू खंड उपलब्ध करा देगी। लेकिन 18 साल में केवल नैनीताल के मुक्तेश्वर में ही भू खंड उपलब्ध करा पाई है। पर्वतीय प्रदेशों में जहां भूकंप और आपदा का खतरा हमेशा बना रहाता है वहां पर डाप्लर राडार की भूमिका काफी अहम होती है। इसके लिए लंबी चौड़ी जमीन की भी जरूरत नहीं होती है। लेकिन प्रदेश सरकार ने भूमि देने में कम से कम 18 साल तो लगा ही दिया है। वैसे डाप्लर राडार के लिए 15 मीटर लंबे और करीब 20 मीटर चौड़े भूखंड की जरूरत पड़ती है। साथ ही इस उपकरण को स्थापित करने में कुल 5 से 7 करोड़ रुपए ही खर्च होते हैं। जिसमें उपकरण की कीमत मात्र 5 करोड़ ही है। शेष 2 करोड़ की राशि इंफ्रास्टक्चर पर खर्च होता है।


इस वजह से टल रही राडार की खरीदी

सूत्रों की मुताबिक केंद्र ने उपकरणों की खरीदी के लिए कई बार धन की मंजूरी दी लेकिन राज्य सरकार जमीन देने में लापरवाही बरती रही जिससे डाप्लर राडार की खरीदी नहीं हो पाई। बावजूद केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि वर्ष 2018 में सरकार मुक्तेश्वर के अलावा मसूरी और पौड़ी में जमीन उपलब्ध करा देगी। केंद्र सरकार चाह रही थी कि एक साथ ही 3 डाप्लर राडार के उपकरणों की खरीदी की जाए। लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण फिलहाल एक ही स्थान पर डाप्लर राडार अब स्थापित होगी। डाप्लर राडार स्थापित होने से भयंकर बारिश की संभावना की जानकारी 30 मिनट पहले चल जाएगा।

 

प्रदेश को 3 डाप्लर राडार की दरकार

इस जानकारी से आम लोगों विशेषकर पर्वतीय जनपदों में रहने वाले लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि जब तक प्रदेश में 3 डाप्लर राडार स्थापित नहीं हो जाते तब तक मौसम की सटीक जानकारी मिल पाना संभव नहीं है। क्योंकि तीनो डाप्लर एक दूसरे से एंटीना के माध्यम से सीधे जुड़े होते हैं। जिससे पूरे प्रदेश में मौसम में होने वाले परिवर्तन की जानकारी लग सकती है।


‘आगामी 6 माह में मुक्तेश्वर में प्रदेश का पहला डाप्लर राडार स्थापित होने की संभवाना है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए भूमि उपलब्ध करा दी है। शेष मसूरी और पौड़ी में जब प्रदेश सरकार भूमि उपलब्ध करा देगी तो वहां भी डाप्लर राडार स्थापित हो जाएंगे। विक्रम सिंह ,राज्य मौसम केंद्र ,देहरादून

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