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कांवडियों ने बिहार-यूपी की व्यवस्था पर जताई नाराजगी, सीएम से बात कर सिफारिश का किया आग्रह

locationदेवघरPublished: Aug 13, 2018 01:35:12 pm

जमशेदपुर से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कांवडियों से सीधी बात कर रहे मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वर्ष 2019 में बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधा मिलेगी…

jharkhand cm

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(पत्रिका ब्यूरो,रांची): झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक के लिए देशभर के विभिन्न राज्यों तथा नेपाल से आए श्रद्धालुओं ने अपनी बात वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष रखी। पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश से आए कुछ श्रद्धालुओं ने अपने राज्यों में मिल रही सुविधाओं को नाकाफी बताते हुए नाखुशी जताई। बिहार और उत्तरप्रदेश से आए कई श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से आग्रह किया कि वे उनके राज्यों के मुख्यमंत्री से बात कर कांवडियों के लिए सुविधा बढ़ाने की सिफारिश करें।


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से आए मूलचंद नामक श्रद्धालु ने बताया कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्वनाथ काशी मंदिर की महत्ता प्राचीन काल से रही है, लेकिन इसके बावजूद काशी मंदिर आज देश-दुनिया के लिए उस तरह से आकर्षण का केंद्र नहीं बन पाया, जिस तरह से देवघर में आज प्रतिदिन एक लाख से अधिक कांवडिये पहुंच रहे हैं। यूपी के गोरखपुर से आए अजीत ने कहा कि बिहार के सुल्तानगंज से कांवडिये जल लेकर 108 किमी पैदल यात्रा कर बाबाधाम मंदिर पहुंचते है, लेकिन जैसे ही श्रद्धालु झारखंड की सीमा में पहुंचते है, उन्हें मिलने वाली सुविधाओं से बदलाव का अनुभव हो जाता है और वे समझ जाते है कि अब झारखंड की सीमा में वे प्रवेश कर चुके है तथा उनकी कठिनाइयां कम होने वाली है। उत्तर प्रदेश से आए कई कांवडियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सावन महीने में बाबाधाम आने के लिए यूपी से विशेष ट्रेन की व्यवस्था हो।


बिहार के जहानाबाद से अपने पति के साथ आई महिला कांवडियां किरण देवी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत कर बिहार की सीमा में भी कांवडियों की सुविधा में विस्तार का आग्रह करें। नेपाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों से कांवडियों न झारखंड सरकार की ओर से कांवडियों के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की सराहना करते हुए कहा कि जगह-जगह कांवडियों को निःशुल्क शुद्ध
पेयजल, शौचालय, स्नानागार की जो व्यवस्था की गई है, वह अदभूत है। इसके अलावा सुल्तानगंज से जल लेकर पैदल 108किमी की यात्रा पूरी करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रास्ते में चाला गया बालू भी उपलब्ध कराया गया है,जिससे उन्हें पैदल चलने में कोई कठिनाई नहीं होती है।


जमशेदपुर से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कांवडियों से सीधी बात कर रहे मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वर्ष 2019 में बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि वे कल ही दिल्ली जा रहे है, नई दिल्ली में वे केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करेंगे और यह प्रयास करेंगे कि बाबाधाम आने वाले कांवडियों की सुविधा के लिए अगले वर्ष से उत्तर प्रदेश से भी सावन महीने में विशेष ट्रेन की व्यवस्था हो। उन्होंने बताया कि पूर्व में जमशेदपुर समेत कई शहरों सावन के महीने में नदी से जल भरकर शिव मंदिरों में जलार्पण की परंपरा रही है। हाल के वर्षां में विभिन्न शहरों में इसकी संख्या में कमी आयी, लेकिन इस परंपरा को बनाए रखने के लिए जमशेदपुर में भी आज उन्होंने करीब 10 हजार श्रद्धालुओं के साथ स्वर्णरेखा नदी से जल लेकर सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर में स्थापित बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया।

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