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फंसे छात्रों व मजदूरों को वापस झारखंड लाने की कोशिश, CM ने की रेलमंत्री से बात

locationदेवघरPublished: Apr 29, 2020 07:57:10 pm

Submitted by:

Prateek

Jharkhand News: संताल परगना के सांसदों व विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम ने बात की (CM Hemant Soren Talked To Railway Minister)…
 

फंसे छात्रों व मजदूरों को वापस झारखंड लाने की कोशिश, CM ने की रेलमंत्री बात

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रांची,देवघर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में सामाजिक पुलिसिंग की व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता है। इस कार्य के लिए मानकी, मुंडा, परगनैत, ग्राम प्रधान इत्यादि सामाजिक लोगों को जोड़ने का कार्य किया जाए। सामाजिक पुलिसिंग व्यवस्था का लाभ वर्तमान समय और लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी मिलेगा। लॉकडाउन खुलने के बाद बड़ी संख्या में मजदूर भाई झारखंड आएंगे उनकी देखरेख और क्वैरेंटाइन की व्यवस्था में इनका सहयोग महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक पुलिसिंग व्यवस्था स्थापित होने से कई महत्वपूर्ण कार्यों में भी समन्वय बनाने में सुविधा होगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के संदर्भ में संताल परगना के सांसदों और विधायकों के साथ बुधवार को झारखंड मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के क्रम में कही।


मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से की है बात…

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से हमारी बात हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से उन्होंने आग्रह किया है कि अगर केंद्र सरकार से राज्य के छात्रों और मजदूरों को लाने का दिशा निर्देश प्राप्त होता है तो स्पेशल ट्रेन की भी आवश्यकता झारखंड सरकार को पड़ेगी। इसलिए दिशा निर्देश प्राप्त होने के उपरांत रेल मंत्रालय राज्य सरकार को मदद करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वैसे छात्र और मजदूर भाई जो दूसरे राज्यों में लॉकडाउन की वजह से फंसे हैं वे घर वापस आना चाहते हैं। उनके परिजनों द्वारा उन्हें वापस लाने के लिए राज्य सरकार से निरंतर गुहार लगायी जा रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में इनके प्रति राज्य सरकार काफी गंभीर है। बच्चों के अभिभावक, मजदूरों के रिश्तेदारों, जनप्रतिनिधियों द्वारा अन्य राज्यों की तरह हमारे बच्चों तथा मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था करने का लगातार दबाव राज्य सरकार पर बनाया जा रहा है। राज्य सरकार छात्रों और मजदूरों को वापस लाना चाहती है, परंतु भारत सरकार के आदेश के सम्मान और अनुपालन के कारण ऐसा करने में अपने आप को असमर्थ महसूस कर रही है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 मई 2020 तक अगर केंद्र सरकार इन्हें वापस लाने में गाइडलाइन जारी करती है तो उचित माध्यम से इन्हें राज्य वापस लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 मई के बाद अगर केंद्र सरकार से दिशा-निर्देश जारी नहीं होता है तो राज्य सरकार आवश्यक निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों एवं अन्य राज्यों में फंसे छात्र छात्राओं को लाने में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन कर रही है तथा किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है।

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