देवरिया. राष्ट्रीय लोकदल के महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष व देवरिया की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा जायसवाल के खिलाफ 23 साल के पुराने एक मामले में मदनपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसके बाद इस मामले में आरएलडी की दिग्गज नेत्री बुरी तरह से फंसती नजर आ रही हैं।
क्या है मामला मिली जानकारी के अनुसार मदनपुर थाना क्षेत्र के कोरयां गांव निवासी अतुल प्रताप सिंह ने गृह सचिव उत्तर प्रदेश को पत्र भेज कर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा जायसवाल को फर्जी पते पर असलहा लेने के लिए आरोपित किया था । श्री सिंह ने पत्र में बताया था कि कृष्णा जायसवाल पत्नी जयप्रकाश जायसवाल पुरवां मेहड़ा थाना कोतवाली देवरिया की रहने वाली हैं। कृष्णा जायसवाल ने अपना फर्जी पता ग्राम ससरांव, थाना मदनपुर, जनपद देवरिया का देते हुए करके लाइसेंस प्राधिकारी व सहयोगियों के साथ जाल फरेब करके पिस्टल का लाइसेंस 31 जनवरी 1995 को स्वीकृत करा लिया था । बाद में उसी लाइसेंस का स्थानान्तरण उन्होंने अपने देवरिया के पते पर कराकर 3 जनवरी 2015 को नवीनीकृत करा लिया । उन्होंने कहा है कि यह सारा कार्य कृष्णा जायसवाल द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार करके किया गया है। इस मामले में भेजे गए पत्र के क्रम में हुए जाँच के बाद रविवार को मदनपुर थाने की पुलिस ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा जायसवाल के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
कैराना उपचुनाव में निभाई थी बड़ी भूमिका कृष्णा जायसवाल राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश महिला प्रकोष्ण की प्रदेश अध्यक्ष हैं। कहा जाता है कि कैराना के लोकसभा उपचुनाव में कृष्णा लोकदल की उम्मीदवार तबस्सुम हसन को जिताने में कृष्णा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पार्टी की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष होने के नाते कृष्णा ने कई रैलियों में भाग लिया था। साथ ही कई दिन वहां रहकर डोर टू डोर कैंपेन कर तबस्सुम हसन के लिए जनता से वोट मांगे थे। कहा तो ये भी जा रहा था कि आने वाले 2019 के चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल की किसी सीट से कृष्णा जायसवाल को गठबंधन अपना उम्मीदवार बना सकता था। लेकिन अब इस मामले में मुकदमा दर्ज होने से कई तरह की चर्चायें तेज होने लगी हैं।