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देवरिया आश्रय गृह कांड: बेटियों को भेजा जाएगा बनारस

locationदेवरियाPublished: Aug 08, 2018 12:50:34 pm

Deoria Shelter House Kand : पूरे दिन धरना प्रदर्शन से देवरिया की राजनीति गरमाई रही

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देवरिया नारी संरक्षण केन्द्र कांड

देवरिया आश्रयगृह से मुक्त कराई गई बच्चियों को शहर के राजकीय बाल गृह में रखा गया है। इन बच्चियों को अब बनारस भेजने का सरकार ने निर्णय लिया है। उधर, सोमवार की देर रात में ही वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में बेहद गोपनीय तरीके से डॉक्टर्स के एक दल ने बच्चियों का चिकित्सीय परीक्षण किया। रिपोर्ट को स्थानीय स्तर पर गोपनीय रखा गया है। इसे शासन द्वारा गठित दो सदस्यीय कमेटी को सौंप दिया गया। मेडिकल जांच में बच्चियों की उम्र की जांच की गई। बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं इसके लिए लैब रिपोर्ट का इंतजार है।
मंगलवार को दूसरे दिन महिला कल्याण व बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार व एडीजी 1090 अंजू गुप्ता ने बच्चियों के बयान भी लिए। बंद कमरे में लिये इस बयान को जांच रिपोर्ट का हिस्सा बनाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि बच्चियों ने अपने बयान में प्रताड़ना के आरोप लगाए। बर्तन-झाड़ू व काम न करने पर खाना न देने जैसे अमानवीय व्यवहार किये जाने की बात बताई। बच्चियों ने यह भी बताया कि उनके साथ रहने वाली दीदी लोगों को कार से कहीं भेजा जाता था। जबरिया उन लोगों को भेजा जाता था। बच्चियों के अनुसार छोटे बच्चों को बेचने की भी बात सामने आ रही है।
उधर, पुलिस के लोग पूरे दिन जेल से लेकर संबंधित लोगों से बात करने में व्यस्त रहे। पुलिस लापता 18 बच्चियों का पता लगाने में जुटी है लेकिन उसको कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है। गोरखपुर में एक युवती के मिलने से पुलिस को थोड़ी राहत मिली है।
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शहर पूरे दिन धरना प्रदर्शन में रहा फंसा

देवरिया में आश्रय गृह मामले को लेकर मंगलवार को काफी सरगर्मी रही। राजनैतिक दलों ने सरकार के विरोध में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व संबंधित विभाग के मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा की मांग की। सुबह से ही शहर में भारी फोर्स लगा दिया गया था। सपा कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की गई। समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं को रोकने की कोशिश की गई तो एक दिवसीय धरना का एलान करने वाले कांग्रेसी विधायक अजय कुमार लल्लू को पहले रोका फिर गिरफ्तार कर लिया।
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जगह जगह रोके गए सपाई दिग्गज

समाजवादी पार्टी का धरना शहर के पोस्टमार्टम चौराहा पर था। इस धरने में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी के अलावा मंडल के अन्य दिग्गज नेता भी आ रहे थे। जिले की सीमा पर ही पुलिस ने नाकेबंदी कर रोकना शुरू कर दिया। रामगोविंद चौधरी नेता प्रतिपक्ष को बलिया से देवरिया आते ही सीमा के पास रोक दिया गया। वह उसी जगह धरना देने लगें। पूर्व सांसद बालेश्वर यादव व पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह को भी कुशीनगर से देवरिया प्रवेश करते समय अलग अलग जगहों पर रोक दिया गया। बालेश्वर यादव ने भी वही धरना शुरू कर दिया। गज़ाला लारी को भी देवरिया बॉर्डर पर रोक दिया गया।
उधर, नेताओ को रोकने की सूचना आते ही शहर में धरना दे रहे सपाइयों ने पूर्व मंत्री शाकिर अली, पूर्व एमएलसी जेपी जायसवाल की अगुवाई में जुलूस निकाल लिया। शहर में सपाइयों ने घूम-घूमकर सरकार को कोसा और नारेबाजी की।
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कांग्रसी विधायक नाकेबंदी को मात दे बाइक से पहुंचे

विधान मंडल दल के नेता व कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू ने भी एक दिनी धरने का ऐलान किया था। पुलिस ने इनको रोकने के लिए भी नाकेबंदी की थी लेकिन पुलिस को छकाते हुए विधायक लल्लू शहर के सुभाष चौक पहुंच गए बाइक से। बाइक से आये विधायक को पुलिस ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं संग गिरफ्तार किया। पुलिस लाइन ले जाके कागजी कोरमपूर्ती कर छोड़ दिया। लल्लू ने कहा कि इस जनतंत्र में यह सरकार लोगों की आवाज को दबाना चाहती है जो कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं करने देगी। इस घटना ने यूपी सहित पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री और महिला व बाल विकास मंत्री नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि महिलाओं और बेटियों को सुरक्षा देने का वादा करके सत्ता में आने वाली यह सरकार बेटी पढाओं और बेटी बचाओं का नारा देने से इसका दोहरा चेहरा उजागर हो रहा है।
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एपवा ने किया मांग, बताया जाए गायब बच्चियों के नाम
देवरिया प्रकरण पर एपवा ने देवरिया में जोरदार प्रदर्शन किया। शहर में जुलूस निकाल संस्था को संरक्षण देने वालों पर कार्रवाई की मांग की गई। जिलाध्यक्ष गीता पांडेय ने कहा कि महिला होने के नाते आश्रय गृह की बच्चियों का दर्द ज्यादा महसूस कर सकती हूं, लेकिन जो भी घटना घटित हुई है उसके लिए जिले के संबंधित अधिकारी कम दोषी नहीं हैं। घटना की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए और संस्था चलाने वाले, उसमें आने-जाने वाले, उसे संरक्षण देने वालों के साथ-साथ उन अधिकारियों को भी जांच परिधि में लाया जाना चाहिए जो लोग संस्था संचालिका गिरिजा त्रिपाठी को संरक्षण दे रहे थे।
एपवा की गीता पांडेय ने कहा कि सिर्फ एक डीएम को हटा देने से ऐसे घटना का पर्दाफाश नहीं हो सकता। 25 साल से अपना जाल फैलाए गिरिजा त्रिपाठी के कारनामों का पर्दाफाश करने के लिए बहुत ही गम्भीरता बरतनी होगी। उन्होंने सरकार से लापता बताई जा रहीं 18 लड़कियों के नाम और पता सार्वजनिक करने की मांग की थी।
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