देवरिया. जिले में हो रहे अवैध खनन को लेकर यदि एक पुरानी कहावत तू डाल डाल तो मैं पात पात का उल्लेख किया जाए तो ये कुछ असलियत ही दर्शाएगा। सूत्रों की माने तो वर्तमान में जो कुछ भी अवैध खनन में पुलिस और खनन विभाग के सांठगांठ से हो रहा है उसके बारे में नीचे से ऊपर तक सभी को पता।
लेकिन प्रदेश में कुछेक अधिकारियों पर निलम्बन की कार्यवाही होने के बाद जिले का प्रशासनिक अमला गंभीर होता दिख रहा है। जिले के डीएम ने सभी एसडीएम को खनन से सम्बंधित रिपोर्ट तैयार करते हुए इसे रोकने का फरमान जारी किया है।
बताते चलें कि जिले के लगभग सभी घाटों पर अवैध खनन का कार्य जोरों पर है। ऐसा भी नही है कि इस बात का पता किसी को नहीं, क्योंकि इस कार्य से जुड़े लोगों के मुताबिक बालू हो या मिट्टी उसे मौके से लदाई करने के साथ ही निर्धारित की गई रकम समबन्धित महकमे के लोग वसूल लेते हैं। लगभग हर थाने की पुलिस अपने क्षेत्र में होने वाले खनन की जानकारी रखती है और वहां से तयशुदा रकम की वसूली करती है।
एक दिन पहले जिलाधिकारी सुजीत कुमार और एसपी राकेश शंकर रामपुर कारखाना के देवरिया बुद्धू खां गांव में कंबल वितरण समारोह में गए हुए थे। पूर्व में मिली सूचना के आधार पर डीएम ने मुख्यालय लौटते समय इसी थाना क्षेत्र के बरियारपुर और पकड़ी बाबू घाट पर अचानक छापेमारी कर दी। उनके साथ जिले के एसपी भी मौजूद थे। छापेमारी में पूरी पोल ही खुलकर सामने आ गयी। मौके से खनन कार्य में लगी पांच नाव और एक बैलगाड़ी को जब्त भी किया गया, पर एक भी बड़ी गाड़ी वहां छापेमारी के दौरान नही मिल सकीं।