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देवरिया के चिकित्सक ने अपने नाम की यह उपलब्धि…

locationदेवरियाPublished: Nov 14, 2017 04:23:12 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

चार घंटे चले मैराथन ऑपरेशन में कूूूूल्हेे का किया सफल ऑपरेशन

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देवरिया. बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के लिये बदनाम देवरिया के एक अस्पताल ने एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। हाल ही में दो बच्चों की कुपोषण के कारण बीमारियों की चपेट में आने के कारण डॉक्टरों की लापरवाही से मौत की खबर पुरानी भी नहीं हुई थी कि चिकित्सकों को गौरवान्वित करने वाली खबर आयी। शहर के ही राघव नगर स्थित एक निजी चिकित्सालय के आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर शांतनु जायसवाल ने गोरखपुर के चिकित्सक डॉक्टर सीपी साह के साथ मिलकर चार घंटे तक चले मैराथन ऑपरेशन में कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया। चिकित्सकों की इस सफलता को देवरिया के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। चिकित्सकों ने कूल्हे की परेशानी से जूझ रहे एक ऐसे मरीज को जीवनदान दिया है, जिसने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। कूल्हे की परेशानी से वह चार साल से जूझ रहा था। वह दर्द निवारक दवाओं के निरंतर सेवन के बाद अब एक साल से दर्द निवारक इंजेक्शन ले रहा था।
शहर के मालवीय रोड निवासी 55 वर्षीय राजकुमार जायसवाल पुत्र गोपाल दास सन 2014 में सड़क दुर्घटना में घायल हो गये थे। राजकुमार के कुल्हे में गंभीर चोट आयी थी। दुर्घटना के बाद उपचार हुआ और वह फिट भी हो गया। कुछ ही महीनों बाद माह बाद उन्हें अचानक दर्द शुरू हुआ और वह देवरिया से लेकर गोरखपुर तक, कई चिकित्सकों के पास दौड़ते रहे, लेकिन आराम नहीं मिला। इसके बाद दर्द निवारक दवा खाने लगे। हालत इतनी खराब हो गई कि दवाएं बेअसर हो गईं और दर्द निवारक इंजेक्शन लेना पड़ा। आर्थोपेडिक सर्जन शान्तनु जायसवाल को दिखाए। उन्होंने जांच कराया तो पता चला कि कूल्हे की हड्डी गल कर खराब हो गई है। चिकित्सक ने कुल्हा प्रत्यारोपित कराने की सलाह दी। राजकुमार ने ऑपरेशन के बाद की जिंदगी को दूसरा जन्म बताया, वहीं चिकित्सक डॉक्टर शांतनु ने कहा कि जर्मनी मेड कृत्रिम कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया। प्रत्यारोपण करने वाली टीम में डा.सीपी साह के साथ ही असिस्टेंट उमेश मिश्रा शामिल थे। उन्होंने कहा कि महानगरों में इस ऑपरेशन का खर्च दो से ढाई लाख रुपये आता है, जबकि इस आपरेशन में 90 हजार रुपये से भी कम खर्च आया है।
चिकित्सा जगत में हर्ष
जनपद के चिकित्सक द्वारा कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण करने की खबर फैलते ही चिकित्सा जगत में हर्ष की लहर दौड़ गयी। चिकित्सकों ने फोन कर डॉक्टर शांतनु को बधाई दी।

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