एसपी राकेश शंकर ने इस सेवा के बारे में बताया कि बूथ पर शिकायत दर्ज कराने के कुछ देर बाद शिकायतकर्ता के मोबाइल पर लखनऊ में स्थापित ई-थाना से फोन आएगा और घटना के बाबत जानकारी ली जाएगी और तब एफआईआर की स्वीकृति की जाएगी । पीड़ित के मोबाइल और ई मेल पर 15 से 20 मिनट के अंदर एफआईआर की कॉपी प्राप्त हो जाएगी और संबंधित थाने को विवेचना स्वतः स्थानांतरित कर दी जाएगी । एसपी श्री शंकर के मुताबिक इस सेवा में पीड़ित को थाने पर जाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि कंप्यूटर, नाइट विजन कैमरा समेत अन्य संसाधनों से लैस बूथ की वजह से अपराध पर लगाम लगेेगा और बालिकाओं को सुरक्षा का एहसास होगा। एसपी राकेश शंकर ने कहा कि बूथ पर आने वाली सभी शिकायतों की सूची बनेगी और प्रत्येक माह निस्तारण की समीक्षा की जाएगी। सीसी रोड से गुजरने वाली सभी वाहनों पर नजर रखी जाएगी।
ट्रिपल सवारी वालों को कैमरे की मदद से बाइक नंबर चिह्नित कर घर पर चालान भेजा जाएगा। पुलिस बूथ पर एक दरोगा और सात सिपाहियों की तैनात की गई है। अगर रिजल्ट बेहतर रहा तो और भी पुलिस बूथ बनेेंगे। साइबर क्राइम व महिला सुरक्षा के कोऑर्डिनेटर विजय श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जा सकती है । इसके लिए मोबाइल पर ओटीपी ( वन टाइम पासवर्ड ) भेजा जाएगा और शिकायत का रजिस्ट्रेशन नम्बर तुरंत मैसेज के जरिए मिल जाएगा।
by Surya Prakash Rai
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