बताते चलें कि देवरिया जिले में सरकारी विभाग मुर्दों को कई सालों से हर माह पेंशन दे रहा है। हैरान करने वाली बात यह कि मुर्दे अपने खाते से पैसे निकाल भी रहे हैं। ऐसे मुर्दों की संख्या एक दो नहीं बल्कि अभी तक एक दर्जन से अधिक नामों का खुलासा हो चुका है। पूरा कारनामा देवरिया जिले के विकास भवन का बताया जा रहा है। एक गांव का घोटाला सामने आने के बाद अब कई और गांवों की छानबीन की बात कही जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक सलेमपुर क्षेत्र के पड़री-झिल्लीपार गांव में 12 ऐसे लोगों के खाते में वृद्धा पेंशन जा रही है, जिनकी मृत्यु कई साल पहले हो चुकी है सरकारी महकमा मुर्दों पर इस कदर मेहरबान है कि उनके खाते में हर माह तय समय पर पेंशन की राशि भेज दे रहा है। खास बात ये है कि एक-दो नही बल्कि दर्जन भर से अधिक मर चुके लोग विभिन्न बैंकों में जाकर पेंशन का लाभ भी उठा रहे हैं। सरकारी सूत्रों की मानें तो मामले की जानकारी ग्राम प्रधान से लेकर तहसील स्तर और विकास भवन के जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को पहले से ही है।
पर सभी बन्दरबांट में इस कदर व्यस्त थे कि जानते हुए भी मुर्दों की पेंशन नहीं रोकी। मीडिया टीम के छानबीन के दौरान एक मृतकों के परिजन ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनकी मां का देहांत 2016 में ही हो गया था, बावजूद इसके उनके खाते में पेंशन आ रही है। वह भी तब जब उनकी मौत की सूचना दी जा सकी है। अधिकारियों ने चुप रहने की सलाह दी थी। पैसे अकाउंट में डाले जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता भानु प्रसाद मौर्य ने बताया कि इस बारे में अधिकारीयों को बताया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सब खेल है इन लोगों का, जो पात्र हैं उन्हें पेंशन नही दी जा रही है। वहीं समाज कल्याण अधिकारी दीनानाथ शुक्ला इस मामले पर सत्यापन के साथ जांच कराने की बात कर विभाग को पाक-साफ बताने में जुटे हुए हैं।
By- S.P. RAI