बता दें कि पूरे दिन ठण्डी हवाएं अपना कहर बरपा रहा है। शाम ढलते ही गलन बढ़ती जा रही है और कोहरा छा गया। अलाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से खुले आसमान के नीचे रहने वालों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। पिछले कई दिनों से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। रविवार को सूर्यदेव ने दर्शन तक नहीं दिया। हालांकि शनिवार को धूप जरूर खिली थी लेकिन शाम ढलते ही भीषण कोहरा छा गया था। नववर्ष के पहले दिन हल्की धूप खिलने से लोग घरो से बाहर तो जरूर निकले लेकिन शाम को ठंड बढ़ते ही सड़कों पर सन्नाटा छाने लगा। नगर पालिका प्रशासन भले ही यह दावा करने से नहीं चूक रहा है कि अलाव की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। हकीकत इसके ठीक विपरीत है । गिने चुने स्थानों पर ही अलाव जल रहे हैं। बस स्टेशन पर बनाए गए रैन बसेरे को भी हटा लिया गया है। इससे रात के समय दूरदराज से आने वाले यात्रियों को भीषण ठंड का सामना करना पड़ता है। चूंकि शाम को सात बजे के बाद रोडवेज बसों की पहिया थम जाता है। इसलिए जिन स्थानों पर ट्रेन रूट नहीं है। वे लोग सुबह होने का इंतजार करते हैं ताकि गंतव्य तक पहुंच सके। आज भी शाम हल्का अंधेरा समय पूर्व ही छाने लगा और पूरे शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी आमलोग घरों में सिमट से गये । गाँवों में अपने संसाधनों से अलाव जलाए लोग वहीं जमे दिखे ।
By- Surya Prakash