बताते चलें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बघौचघाट में तैनात डॉक्टर मो. खालिद को बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। डॉक्टर की मौके पर ही मौत हो गयी। सूचना के मुताबिक दो बजे ओपीडी का कार्य समाप्त करके वो अपने घर के लिए निकले ही थे कि सखिनी नहर के पास पहले से खड़े दो मोटरसाइकिल सवार युवकों ने उनकी कार रुकवाई और उन पर फायर झोंक दिया। गोली लगने के बाद वो वहीं गिर पड़े और तत्काल दम तोड़ दिए।
यह भी पढ़ें- रिश्वत का बड़ा खेलः एक ही कैम्पस में दे दी गई प्राइमरी, जूनियर और इंटर तक की मान्यता अपने घर कुशीनगर जा रहे थे डाॅ. खालिद डॉक्टर खालिद बघौचघाट थाना क्षेत्र के बघौचघाट कस्बे में स्थित पीएचसी पर तैनात थे। डॉ. खालिद कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना क्षेत्र स्थित अपने गांव बेलवा आलम दास जाने के लिए निकले थे। घटना की सूचना के बाद मौके पर भारी भीड़ जुट गई और डेड बॉडी को सड़क पर रखकर लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। आक्रोशित लोग डीएम और कप्तान को बुलाने पर अड़े हैं। वहीं, घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। आक्रोशित लोगों ने पुलिस की गाड़ियों को घेर रखा है और जिलाधिकारी और एसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- बड़ा सवालः प्रतिदिन स्कूल आने वाली छात्रा आखिकार तीन मंजिल से गिरी कैसे! सपा जिलाध्यक्ष के दामाद थे मो. खालिद मृतक डाॅ. मो. खालिद कुशीनगर के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष्ज्ञ मो. इलियास अंसारी के दामाद थे। सपा जिलाध्यक्ष के दामाद होने के कारण लोग डाॅ. खालिद की हत्या राजनीतिक रंजिश से भी जोड़ कर देख रहे हैं। डाॅ. खालिद की हत्या के पीछे की असली वजह तो जांच व हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पायेगी।
By Surya Prakash Rai