सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने प्रबंधक के बेटे को गिरफ्तार कर लिया और जांच मे जुट गयी है। अपने पिता के साथ कोतवाली पहुंचे तीनों मासूम स्कूल लने स्कूल में अपने साथ हुई घटना को पुलिस को बताया। वह लगातार रो रहे थे। सीओ सिटी ने बताया की मामला संज्ञान में आया है। तहरीर मिल गई है मुकदमे की कार्यवाई की जा रही।
बताते चलें कि भीम यादव जो मजदूरी का काम करता है इसके तीन बच्चे कक्षा एक दो और तीन के छात्र नेहरू कान्वेंट के है जिनकी तीन महीने की 1800 रूपये फीस बकाया है। जब इस गरीब मजदूर ने फीस देने मे देरी कर दी तो आरोप है कि नेहरु कानवेन्ट स्कूल के प्रबन्ध तंत्र का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। तीनों बच्चों को कई घंटे तक पहले धूप मे खड़ा रखा और उसके बाद उनकी पिटायी भी की गयी। पीड़ित मासूम भाईयों ने स्कूल में हुए मामले को जब अपने पिता को बताया तो वह शिकायत करने पहुंचा।
पिता के मुताबिक उसने अपनी गरीबी का हवाला देकर फीस बाद में देने की बात कही। दावा किया कि उसके बाद स्कूल के टीचर उस पर टूट पड़े और इतना मारा कि गरीब मजदूर का सिर फट गया और जब मन नही भरा तो उसका कपड़ा भी फाड़ दिया। इधर स्कूल के प्रधानाचार्य इस मामले पर पल्ला झाङ रहे है और मारपीट की घटना को गलत बताने मे जुटे हैं लेकिन मासूमों की आखों के आंसू और उनके पिता की शर्ट पर लगा खून नेहरू कान्वेंट स्कूल में हुए मामले का अलग ही बयान कर रहा है।
by SURYA PRAKASH RAI