दिन भर चलती रही सीएम को बुलाने की मांग बतादें कि सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने तीनों शवों को एक साथ रखकर हत्या का विरोध जताया था। लोगों की मांग थी कि जब तक सीएम योगी मौके पर आकर लोगों को हत्यारों के गिरफ्तारी का आश्वासन नहीं देंगे तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जायेगा। पर सोमवार की शाम होते-होते लोगों ने अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
रविवार को जिलाधिकारी के साथ फेल हुई थी वार्ता हत्या के बाद रविवार को बढ़ते विरोध के बाद जिलाधिकारी लोगों को समझाने के लिए गांव गये थे। उन्होने हत्यारों के जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन भी दिया था। पर ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी की वार्ता विफल रही थी। लोगों का कहना था कि जब तक सीएम गांव में नहीं आ जायेंगे तब कर तीनों शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वही जिला प्रशासन से ग्रामीणों ने मांग रखी थी कि मृतक के परिजनो को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक मदद के साथ ही सरकारी नौकरी दी जाए।
बता दें कि दो दिन पूर्व विवादित जमीन पर डीएम ने पेट्रोल पम्प के लिए एनओसी जारी कर दी थी और उसके बाद पेट्रोल पंप प्रबंधन ने अपनी नींव खोदनी शुरु कर दी । निर्माण के सूचना के बाद ग्रामीणो और पेट्रोल पम्प मालिक मे विवाद हो गया था जिसमे पेट्रोल पंप मालिक के साथ आए असलहा धारियों ने फायरिंग कर दी जिसमे तीन लोगों की गोली लगने से मौत हो गयी। रविवार शाम पोस्टमार्टम के बाद शवों को प्राप्त करने के बाद परिजनों ने विवादित जगह पर ही लाकर उसे रख दिया । परिजनों और जुटे ग्रामीणों के दबाव के बाद पुलिस ने गांव को चारों तरफ से घेर रखा था। दिनभर विरोध के बाद भी लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।