बृहस्पतिवार को एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 28 मार्च को बरहज गली में कैशवैन से लूट की कोशिश करने के आरोपित बदमाशों में शामिल गोरखपुर के रावतगंज गांव के पुरुषोतम जायसवाल ने बुधवार को पुलिस के दबाव के कारण कोतवाली पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। उसने पुलिस को पूरी के घटना के बारे में जानकारी दी। इस पर पुलिस ने कस्टोडियन (संरक्षक, देखभाल करने वाला) बैजनाथ सिंह निवासी भईया बिजैली थाना बरहज को सदर कोतवाली के पिपरपाती गांव के पास गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में बैजनाथ सिंह ने बताया कि मदनपुर थाना क्षेत्र के भदिला दोयम निवासी शिवम के साथ वह पढ़ा हुआ है। घटना के एक दिन पहले घायल शिवम से मुलाकात बरहज में हुई।
यहीं पर लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए प्लान बनाया गया। इसके बदले में उसे एक लाख रुपये देने की बात तय हुई थी। शिवम ने अपने मित्र दीपक पांडेय निवासी औरया थाना पनियरा जनपद महाराजगंज, गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र के गहासाड़ निवासी जन्मेजय सिंह और पुरुषोत्तम जायसवाल को कार से घटना के दिन बुलाया था। शहर में एक जगह सभी जुटे और बैजनाथ सिंह से कैशवैन के पल-पल की लोकेशन लेने लगे। जब वसूली की मोटी रकम हो गई तो सभी बाइक से बरहज गली में पहुंच गए। उसके बाद बदमाशों ने सीएमएस कर्मचारी प्रभुनाथ पांडेय से रुपये से भरा बैग लूटने का प्रयास किया। तभी गार्ड ने शिवम पर गोली चला दी। उसके बाद बाकी बदमाश फरार हो गए।