इसके लिए सरकार खुद और प्राइवेट सेक्टर का निवेश बढ़ाने पर जोर देगी। अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने बताया कि जीडीपी के सुस्त आंकड़ों के बाद सरकार पर ग्रोथ को वापस पटरी पर लाने का दबाव बढ़ जाएगा। ग्रोथ तेज करने के लिए सरकार के पास सबसे अहम टूल है सरकारी खर्च बढ़ाना। इससे एक साथ कई सेक्टर्स में डिमांड जनरेट की जा सकती है। सरकार की ओर से इंफ्रा सेक्टर पर खर्च बढऩे से ग्रोथ की रफ्तार फिर से तेज हो सकती है। मार्केट में जॉब क्रिएट होंगे और डिमांड बढ़ेगी।
निजी निवेश बढ़ाने पर भी जोर
सरकारी सूत्रों के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निजी निवेश बढ़ाने के लिए कई नीतिगत पहल करने जा रही है। इसके तहत आईआईएफसीएल (इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड) को मजबूत करने की तैयारी भी शामिल है। सरकार का मानना है कि सिर्फ सरकारी खर्च से तेज ग्रोथ हासिल नहीं किया जा सकता है। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है। इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के काम पूरा करने के लिए विवादों को जल्द सुलझाने की कोशिश भी कर रही है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निजी निवेश बढ़ाने के लिए कई नीतिगत पहल करने जा रही है। इसके तहत आईआईएफसीएल (इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड) को मजबूत करने की तैयारी भी शामिल है। सरकार का मानना है कि सिर्फ सरकारी खर्च से तेज ग्रोथ हासिल नहीं किया जा सकता है। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है। इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के काम पूरा करने के लिए विवादों को जल्द सुलझाने की कोशिश भी कर रही है।
अर्थव्यवस्था पर भरोसा कायम
दुनियाभर के ब्रोकरेज हाउस का भारत की ग्रोथ को लेकर भरोसा कायम है। उनका मानना है कि नोटबंदी और जीएसटी का असर अब खत्म हो चुका है और आने वाले समय में तेजी लौटेगी।
दुनियाभर के ब्रोकरेज हाउस का भारत की ग्रोथ को लेकर भरोसा कायम है। उनका मानना है कि नोटबंदी और जीएसटी का असर अब खत्म हो चुका है और आने वाले समय में तेजी लौटेगी।
फोकस बढ़ाने की जरूरत
कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर भी कम रही है। पहली तिमाही में इस क्षेत्र में जीवीए 2.3 प्रतिशत रहा जो पिछले साल के मुकाबले कम है। कृषि का योगदान जीडीपी में 17 फीसदी है।
कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर भी कम रही है। पहली तिमाही में इस क्षेत्र में जीवीए 2.3 प्रतिशत रहा जो पिछले साल के मुकाबले कम है। कृषि का योगदान जीडीपी में 17 फीसदी है।