मुंबई। बड़े कर्ज की वजह से बाजारों में आने वाले समय में कई सौदे देखने को मिलेंगे। भारी कर्ज वाली कंपनियों की तरफ से लगातार हो रही संपत्तियों की बिक्री से प्राइवेट इक्विटी की कंपनियां साल 2016 में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था में ज्यादा से ज्यादा सौदे कर सकती हैं और इस तरह से इस साल रिकॉर्ड निवेश के साथ हुई शुरूआत में आगे और बेहतरी देखने को मिल सकती है। थॉमसन रॉयटर्स के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल प्राइवेट इक्विटी की खरीदारी 10.89 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है, जो साल 2007 में बने रिकॉर्ड के पार चली जाएगी। साल 2014 में निजी इक्विटी का निवेश महज 6 अरब डॉलर रहा था।
वित्तीय उद्योग के जानकारों को उम्मीद है कि यह रूझान वर्ष 2016 में भी जारी रहेगा क्योंकि प्राइवेट इक्विटी खरीदारों में रुचि बढऩे से ऊंचे मूल्यांकन को सहारा मिलता है। संभावित सौदों में जीवीके समूह जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स में 49 फीसदी हिस्सेदारी निजी इक्विटी कंपनियों को करीब 60 करोड़ डॉलर में बेचने की योजना बना रहा है।
सलाहकार कंपनी अल्वारिज ऐंड मार्शल के भारतीय परिचालन के सह-प्रमुख विक्रम उत्तमसिंह ने कहा, कर्ज की वजह से बाजारों में आने वाले दिनों में भी कई सौदे देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सौदे भी बड़े होने के आसार हैं।
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